उत्तर प्रदेश में ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में बड़े बदलाव की तैयारी है। दैनिक जागरण व इंवेस्ट यूपी की ओर से आयोजित ग्रीन भारत समिट में केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि किसान खेती का विविधीकरण करके अन्नदाता के साथ-साथ ऊर्जा दाता भी बन सकते हैं। उन्होंने इथेनॉल सीएनजी व इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग को बढ़ावा देने की बात कही।
- विश्व गुरु बनने के लिए निर्यात को बढ़ाना बेहद जरूरी
इथेनॉल उत्तर प्रदेश में बहुत महत्वपूर्ण: गडकरी
दैनिक जागरण व इंवेस्ट यूपी की ओर से आयोजित ग्रीन भारत समिट में गडकरी ने बढ़ते प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए इथेनॉल, सीएनजी व इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग की ओर कदम बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया।
ग्रीन भारत की कल्पना- पेट्रोल के आयात को कम करना
कहा, ग्रीन भारत की जो कल्पना है, उसमें पेट्रोल के आयात को कम करना है। इथेनॉल की इकोनॉमी सबसे महत्वपूर्ण है, जो चार राज्यों से संबंधित है। इनमें पहले नंबर पर उत्तर प्रदेश है। दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र, तीसरे नंबर पर कर्नाटक व चौथे नंबर पर तमिलनाडु है। आने वाले समय में गन्ने में सुरक्षा व कमाई दोनों हैं। इसके लिए गन्ने का प्रति एकड़ उत्पादन बढ़ाना बहुत महत्वपूर्ण है। गडकरी ने भविष्य में ईंधन के रूप में हाइड्रोजन के उपयोग तथा पराली से सीएनजी व एनएलजी बनाए जाने पर भी जोर दिया। कहा, पर्यावरण हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए दैनिक जागरण की ओर से आयोजित ग्रीन भारत समिट की सराहना की। कहा, देश में चालीस प्रतिशत वायु प्रदूषण के लिए परिवहन विभाग जिम्मेदार है। देश में 42 लाख करोड़ रुपये विशेषकर पेट्रोल व डीजल का आयात करते हैं, जिससे प्रदूषण बढ़ता है। देश में आयात को कम करना व निर्यात को बढ़ाना देश के विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य है।