सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों को लेकर लंबेसमय सेविरोध चल रहा है. ऐसेमेंपीएम नरेंद्र मोदी नेआज देश
के नाम संदेश मेंसाफ कर दिया हैकि केंद्र इन तीनों कानूनों को वापस लेरहा है. पीएम मोदी नेकहा कि हम किसानों को
समझा नहीं सके इसलिए इन कानूनों को वापस लेरहेह
पीएम मोदी नेकहा कि कानून वापस लेरहेहैंलेकिन इतनी पवित्र बात, पूर्णरूप सेशुद्ध, किसानों के हित की बात, हम
अपनेप्रयासों के बावजूद कुछ किसानों को समझा नहीं पाए. कृषि अर्थशास्त्रियों ने, वैज्ञानिकों ने, प्रगतिशील किसानों ने
भी उन्हेंकृषि कानूनों के महत्व को समझानेका भरपूर प्रयास किया.
उन्होंनेआगेकहा- हमारी सरकार, किसानों के कल्याण के लिए, खासकर छोटे किसानों के कल्याण के लिए, देश के कृषि
जगत के हित में, देश के हित में, गांव गरीब के उज्जवल भविष्य के लिए, पूरी सत्य निष्ठा से, किसानों के प्रति समर्पण
भाव से, नेक नीयत सेयेकानून लेकर आई थी.
‘हमारी पहल से कृषि उत्पादन मेंवृद्धि ही हुई’
पीएम मोदी नेअपनेभाषण के दौरान इस बात पर जोर दिया कि कैसेसरकार की पहल सेकृषि उत्पादन मेंवृद्धि हुई है.
पीएम मोदी नेकहा, “हमनेअपनेग्रामीण बाजारों को मजबूत किया है. छोटे किसानों की मदद के लिए कई योजनाएं लाई
गई हैं. किसानों के लिए बजट आवंटन पांच गुना गु बढ़ गया है. हमनेसूक्ष्म सिंचाई के लिए भी धन दोगुना गु कर दिया है.”
हजारों किसान, जिनमेंसेज्यादातर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं, 28 नवंबर, 2020 सेदिल्ली के कई
सीमावर्ती बिंदुओं पर डेरा डालेहुए हैं, तीन कृषि कानूनों को पूरी तरह सेनिरस्त करनेऔर अपनी फसलों के लिए न्यूनतम
समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी की मांग कर रहेहैं.