सरकार आने वाले समय में पेट्रोल में एथेनॉल मिश्रण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 प्रतिशत से अधिक करेगी। इसके लिए नीति आयोग के तहत एक समिति का गठन किया गया है। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप एस पुरी ने 26 फरवरी को इस बात की जानकारी दी। पीटीआई की खबर के मुताबिक, पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि 19.6 प्रतिशत मिश्रण पहले ही हासिल किया जा चुका है। गुवाहाटी में एडवांटेज असम 2.0 बिजनेस समिट में बोलते हुए उन्होंने कहा कि हम जैव ईंधन में 20 प्रतिशत से अधिक मिश्रण करने पर विचार कर रहे हैं।
देश में 1,700 करोड़ लीटर मिश्रण की क्षमता
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमने 2026 तक 20 प्रतिशत मिश्रण का लक्ष्य रखा था, लेकिन हम पहले ही 19.6 प्रतिशत हासिल कर चुके हैं। मुझे यकीन है कि हम अगले महीने 20 प्रतिशत तक पहुंच जाएंगे। पुरी ने कहा कि देश में 1,700 करोड़ लीटर मिश्रण की क्षमता है और पहले ही 1,500 करोड़ लीटर का उपयोग किया जा रहा है। भारत द्वारा विभिन्न प्रकार के ईंधन आयात पर 150 अरब अमेरिकी डॉलर खर्च किए जाने के साथ, उन्होंने कहा कि एक क्षेत्र जहां ध्यान की कमी है, वह है ग्रीन हाइड्रोजन। मंत्री ने कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन की कीमत वर्तमान में 4.5 अमेरिकी डॉलर है। यदि आप इसे 2.5 अमेरिकी डॉलर के करीब ला
सकते हैं, तो एक क्रांति होगी।
बड़े पैमाने पर बदलाव देखेंगे आने वाले समय में हम पारंपरिक ईंधन से ग्रीन हाइड्रोजन की ओर बड़े पैमाने पर बदलाव देखेंगे। हर देश स्वच्छ ऊर्जा की ओर बढ़ रहा है, लेकिन इसे अर्थव्यवस्था की चुनौतियों और मांगों से बचकर करना होगा। भारत जैसी अर्थव्यवस्था के लिए 6-7 प्रतिशत की वृद्धि के लिए ईंधन की जरूरत है। हमें स्वच्छ भविष्य के लिए वर्तमान में जीवित रहने की आवश्यकता है। पुरी ने कहा कि सभी जीवाश्म ईंधन उत्पादन कंपनियां 2045 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन हासिल कर लेंगी, भले ही भारत के पास विकास संबंधी चुनौतियां हों।
प्रतिदिन हो रहा 5. 5 मिलियन बैरल कच्चे तेल का उपयोग
पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर किसी देश का मूल्यांकन उसकी ऊर्जा खपत के आधार पर किया जाएगा। अगर ऊर्जा खपत धीमी हो रही है, तो इसका मतलब है कि अर्थव्यवस्था ने खतरे का संकेत देना शुरू कर दिया है। मंत्री ने कहा कि हम 5. 5 मिलियन बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल का उपयोग कर रहे हैं, जो पहले 5 मिलियन बैरल था। मुझे लगता है कि भारत अल्पावधि से मध्यम अवधि में 6. 5-7 मिलियन बैरल की खपत करेगा। हाइड्रोकार्बन की खोज और उत्पादन (ईएंडपी) पर पुरी ने कहा कि 2030 तक उत्पादन 5 मिलियन टन तक पहुंचने की संभावना है।