भारत सरकार संत्रालय राजभाषा विभाग
गृह मंत्रालय, भारत सरकार के राजभाषा विभाग द्वारा उत्तर क्षेत्र-1, उत्तर क्षेत्र-2, मध्य और पश्चिम क्षेत्रों के लिए संयुक्त क्षेत्रीय राजभाषा सम्मेलन एवं पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन 17 फरवरी को जयपुर प्रदर्शनी स्थल एवं सम्मेलन केंद्र, सीतापुरा में किया गया। यह वर्ष 2024-25 का दूसरा आयोजन था, इससे पहले 4 जनवरी 2025 को मैसूरु (कर्नाटक) में पहला सम्मेलन हुआ था।
इस कार्यक्रम में राजभाषा कार्यान्वयन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले केंद्र सरकार के कार्यालयों को सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय और राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने पुरस्कार प्रदान किए। साथ ही, राजस्थान की उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी, मंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा, जयपुर सांसद मंजू शर्मा, राज्यसभा सांसद मदन राठौड़, और अन्य वरिष्ठ मंत्री भी उपस्थित रहे। सम्मेलन में 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से केंद्र सरकार के कार्यालयों, बैंकों और उपक्रमों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (एनएसआई) कानपुर को हिंदी में उत्कृष्ट कार्य के लिए तृतीय पुरस्कार प्राप्त हुआ, जिसे संस्थान की निदेशक प्रो. सीमा परोहा और सहायक निदेशक (राजभाषा) श्रीमती मल्लिका द्विवेदी ने गृह राज्य मंत्री और मुख्यमंत्री के
7 कर कमलों से ग्रहण किया। इस उपलब्धि पर निदेशक प्रो. सीमा परोहा ने संस्थान की राजभाषा टीम श्री बृजेश कुमार साहू, श्रीमती मल्लिका द्विवेदी और श्री दया शंकर मिश्र की सराहना करते हुए पूरे संस्थान को बधाई दी। उन्होंने कहा कि एनएसआई हिंदी के प्रचार-प्रसार और राजभाषा कार्यान्वयन में उत्कृष्टता के लिए निरंतर प्रयासरत रहेगा।
ब्लाक स्तर पर होगी फसलों की ब्रांडिंग
प्रदेश सरकार ने कृषि उत्पादन बढ़ाने और किसानों की आय में सुधार के उद्देश्य से अब ‘एक ब्लॉक ਦਾਲ’ आरके सिंह कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम के जरिए कृषि मूल्य संवर्धन को बढ़ावा भी दिया जाएगा। उप्र कृषि विभाग के अपर निदेशक प्रसार और कार्यक्रम के नोडल अधिकारी आरके सिंह ने बताया कि प्रदेश के 127 विकास खंडों में चयनित फसलों की आपूर्ति श्रृंखला, ब्रांडिंग और बाजार पहुंच को मजबूत करने का प्लान है, जिससे हर ब्लॉक में विशेष फसल की ब्रांडिंग कर बड़े बाजार में बेचा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इस कार्यक्रम को प्रदेश के सभी ब्लॉकों में शुरू किया जा सकता है। ‘एक ब्लॉक एक फसल’ कार्यक्रम के तहत, कृषि और बागवानी के साथ खाद्य प्रसंस्करण विभाग निर्यात को केंद्र में रखकर प्रसंस्कृत फसलों के लिए विशेष कृषि समूहों की पहचान और विकास करेगा।
सरकार कार्यक्रम के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे को विकसित करने, आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने तथा घरेलू और अंतरराष्ट्रीय व्यापार को सरल बनाने के लिए चयनित फसलों को प्राथमिकता देगी। कृषि और बागवानी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी कार्यक्रम के लागू होने पर उसकी देखरेख के लिए जिम्मेदार होंगे। वहीं, कार्यक्रम को प्रभावी बनाने के उद्देश्य से हर विकास खंड के लिए नोडल
अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी। प्रदेश में लगभग 50 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल पर लगभग 900 लाख टन गन्ने का उत्पादन होता है। उत्तर प्रदेश के पश्चिमी और दक्षिणी जिलों में गन्ने की अधिक खेती होती है। इसके अलावा प्रदेश की अन्य प्रमुख फसलों में दलहन, तिलहन, मक्का, सोयाबीन, तम्बाकू, आलू, तरबूज आदि फसलें भी शामिल हैं। वहीं सरकार की कोशिश अब उन उत्पाद को बढ़ावा देना है जो ब्लॉक स्तर पर किसानों को मुनाफा दे सकती