भारत 2025-26 तक पेट्रोल के साथ 20 फीसदी एथेनॉल मिश्रण के अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने नई दिल्ली में आयोजित 12वें सीआईआई बायोएनर्जी शिखर सम्मेलन 2024 में सरकार की सक्रिय नीतियों पर प्रकाश डालते हुए ये बातें कही। उन्होंने कहा कि देश निर्धारित समय से पांच महीने पहले ही अपने पहले के 10 फीसदी एथेनॉल मिश्रण के लक्ष्य को पार कर गया है। उन्होंने कहा कि 20 फीसदी लक्ष्य प्राप्त करने की प्रारंभिक समय-सीमा 2030 निर्धारित की गई थी, लेकिन इसे संशोधित कर अक्टूबर 2025 कर दिया गया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस समय-सीमा के बाद जैव ईंधन क्षेत्र के लिए एक व्यापक रोडमैप विकसित किया जाएगा। उन्होंने भारतीय ऊर्जा बाजार में उपलब्धता, सामर्थ्य और स्थिरता को संतुलित करने की चुनौतियों को स्वीकार किया, लेकिन पुष्टि की कि खाद्य-भंडार की बढ़ती कीमतों के बीच एथेनॉल का मिश्रण एक व्यवहार्य समाधान बना हुआ है। उन्होंने बताया कि 2014 से अगस्त 2024 तक, 1,06,072 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा बचत की है। CO, उत्सर्जन में 544 लाख मीट्रिक टन की कमी की है और 181 लाख मीट्रिक टन कच्चे तेल का प्रतिस्थापन प्राप्त किया है ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (ओएमसी) द्वारा डिस्टिलर्स को भुगतान 1,50,097 करोड़ रुपये तक पहुँच गया है। उन्होंने कहा, किसानों को 90,059 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है, जिससे वे अन्नदाता से ऊर्जादाता बन गए हैं। उन्होंने सतत विमानन ईंधन (एसएएफ) के बारे में बताया कि 2027 में एक प्रतिशत और 2028 में दो प्रतिशत मिश्रण करना है।
अपने समापन भाषण में उन्होंने जोर दिया कि भारत के हरित विकास को बढ़ावा देने का उत्तरदायित्व सरकार से आगे बढ़कर उद्योगपतियों, शोधकर्ताओं, नवप्रवर्तकों और नागरिकों तक जाता है। उन्होंने सभी हितधारकों से एक स्थायी जैव ऊर्जा क्षेत्र स्थापित करने के लिए साहसपूर्वक सहयोग करने का आग्रह किया, जो ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करता है और एक वैश्विक मानक स्थापित करता है।