पेराई सत्र 2024-25 की तैयारियां शुरू हो गई हैं, लेकिन अभी तक उत्तराखंड में किसानों को चालू सत्र का शत-प्रतिशत भुगतान नहीं हो पाया है। इसको लेकर प्रशासन सख्त है। गन्ना बकाया और अगले पेराई सत्र और अन्य मुद्दों को लेकर, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग, समीक्षा बैठक में मंत्री ने निजी क्षेत्र की चीनी मिल इकबालपुर को पेराई अवशेष गन्ना मूल्य 20.36 करोड़ का भुगतान 15 जुलाई तक करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र की चीनी मिल इकबालपुर पेराई सत्र 2018-19 के
अवशेष गन्ना मूल्य 106.17 करोड़ के भुगतान के लिए ठोस प्रस्ताव उपलब्ध कराया जाए। चीनी मिलों के आगामी पेराई सत्र 2024-25 का शुभारंभ 20 नवम्बर 2024 से प्रारंभ किया जाए। 30 अक्टूबर 2024 तक चीनी मिलों के समस्त मरम्मत, अनुरक्षण एवं ट्रायल के कार्य अवश्य पूर्ण कर लिए जाए। उन्होंने चीनी मिलों से कहा कि मरम्मत एवं रखरखाव का कार्य इस प्रकार से किया जाए कि आगामी पेराई सत्र 2024-25 में तकनीकी बंदी की नौबत न आए। साथ ही चीनी मिलों में किसानों के लिए पूर्व में की गई आवास व्यवस्था, शौचालय, पेयजल एवं पंचर रिपेयर की व्यवस्था का पुनर्मूल्यांकन किया जाए। किसानों की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए गोष्ठियों का आयोजन किया जाए।
नई गन्ना नीति तैयार होगी जल्द
नई गन्ना नीति तैयार करने का काम चल रहा है। चीनी उद्योग को बढ़ावा देने के क्रम में कई कदम सरकार उठा रही है, जिसमे गन्ना नीति भी शामिल है। गन्ना शोध संस्थान हल्द्वानी में बैठक के दौरान गन्ना सर्वेक्षण, आपूर्ति, सट्टा नीति निर्धारण और गन्ना मूल्य भुगतान सहित अन्य मुद्दों की समीक्षा हुई। गन्ना आयुक्त चंद्र सिंह धर्मसत्तू ने सभी सुझावों को शामिल करके गन्ना नीति तैयार करने का निर्देश दिया। गन्ना उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों में व्यापक प्रचार करने के भी निर्देश दिए। अपर गन्ना आयुक्त चंद्र सिंह इमलाल, चीनी मिल बाजपुर के महाप्रबंधक हरबीर सिंह, चीनी मिल किच्छा के ईडी त्रिलोक सिंह मर्तोलिया, निलेश कुमार आदि शामिल थे