राज्य में बढ़ती बिजली की खपत को ध्यान रखते हुए अहम कदम उठाया जा रहा है। सरकार की योजना अब राज्य की सभी चीनी मिलों में भी बिजली उत्पन्न करने की है। सरकार बिजली की मांग और खपत को संतुलित करने के लिए राज्य की सभी चीनी मिलों में सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने की तैयारी कर रही है। इस योजना में चीनी मिलों के अंदर उपलब्ध भूमि, गोदामों और इमारतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करना शामिल है, जिससे उन्हें अतिरिक्त बिजली बेचकर आय अर्जित करने में मदद मिलेगी। महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में 707 सब-स्टेशनों से कृषि के लिए दिन में बिजली आपूर्ति करने की योजना तैयार की है। इसी के तहत अधिक सौर्य ऊर्जा के उत्पादन
को बढ़ाने के लिए कवायद शुरू की है। महाराष्ट्र के कुछ जिलों में बिजली की बढ़ती मांग के कारण दिन में बिजली प्राप्त करना चुनौतीपूर्ण हो गया है। इसीलिए सरकार वैकल्पिक सौर ऊर्जा संयंत्रों से बिजली उत्पादन पर ध्यान केंद्रित कर रही है। राज्य में लगभग 230 चीनी मिलें हैं, जिनके परिसर और कृषि भूमि में पर्याप्त जगह उपलब्ध है। इस भूमि पर सौर ऊर्जा परियोजनाओं को लागू करने की योजना बनाई गई है। महाराष्ट्र राज्य चीनी आयुक्त डॉ. कुणाल खेमनार ने चीनी मिलों से अनुरोध किया है कि वे उपलब्ध भूमि, गोदामों और इमारतों पर सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करें।
गोदावरी बायो आईपीओ से जुटाएगी 240 करोड़
एथेनॉल और जैव रसायनों की अग्रणी कंपनी गोदावरी बायोरिफाइनरीज 15 जून को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) को प्रारंभिक दस्तावेज प्रस्तुत करके आईपीओ के माध्यम से धन जुटाने की कोशिश शुरू कर दी है। कंपनी के प्रस्तावित आईपीओ में ₹325 करोड़ मूल्य के इक्विटी शेयरों का नया निर्गम, साथ ही प्रवर्तकों और एक निवेशक द्वारा 65.27
लाख इक्विटी शेयरों की बिक्री की पेशकश (ओएफएस) शामिल है, ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) में ऐसा उल्लेख किया गया है। शेयरों में, निजी इक्विटी फर्म मंडला कैपिटल एजी ने ओएफएस के जरिए से 49.27 लाख शेयर बेचने की योजना बनाई है। नए निर्गम से, ₹240 करोड़ ऋण चुकाने के लिए आवंटित किए जाएंगे। जबकि शेष सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए निर्धारित किए जाएंगे। महाराष्ट्र में स्थित गोदावरी बायोरिफाइनरीज जैव-आधारित रसायन, चीनी, एथेनॉल और बिजली उत्पादन में शामिल हैं।