पानीपतशुगर मिल को अब पीपीपी मोड यानी पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप में चलाया जाएगा। इस संबंध में सहकारिता विभाग के एक प्रस्ताव को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंजूरी दे दी है। मिल को सुचारू ढंग से चलाने के लिए प्रोफेशनल्स की सेवाएं लेने को भी कहा है। निर्देश दिए कि सभी शुगर मिलों में चीनी की बिक्री के लिए टेंडरिंग को अपनाया जाना चाहिए। सहकारी चीनी मिलों की माली हालत सुधारने के लिए सीएम ने बेहतर वित्तीय प्रबंधन सुनिश्चित करने और जवाबदेह बनाने को भी कहा।
मुख्यमंत्री शुक्रवार को यहां सहकारी चीनी मिलों की कार्य प्रणाली की समीक्षा करने के लिए बुलाई गई एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने पानीपत सहकारी चीनी मिल की वर्तमान पिराई क्षमता को 1,800 टन गन्ना प्रतिदिन से बढ़ाकर 5,000 टन गन्ना प्रतिदिन करने की भी मंजूरी दे दी। नई चीनी मिल में रिफाइंड चीनी बनेगी। इसमें एक सह-उत्पादन संयंत्र, एथनॉल संयंत्र और डिस्टलरी भी होगी। सहकारिता राज्यमंत्री मनीष ग्रोवर ने बताया कि मीटिंग में शीरा से एथनॉल बनाने के लिए शाहबाद सहकारी चीनी मिल में 82 करोड़ रुपए की लागत से 60 केएलपीडी क्षमता का एथनॉल प्लांट लगाने को भी मंजूरी दी गई। करनाल सहकारी चीनी मिल की क्षमता 22 टन गन्ना प्रतिदिन से बढ़ाकर 3,500 टन गन्ना प्रतिदिन करके इस मिल का विस्तार एवं आधुनिकीकरण किया जाएगा।