Ethanol Production: अक्टूबर और नवंबर महीने के दौरान पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान धान की कटाई करते हैं. इसके बाद उन्हें तुरंत गेहूं की बुवाई भी करनी होती है. इसलिए वे खेतों को साफ करने के लिए धान कटाई के बाद बचे अवशेष यानी पराली में आग लगा देते हैं. इससे निकलने वाला धूंआ हवा को प्रदूषित कर देता है. हालांकि, इसके ऊपर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकारें पराली जलाने वाले किसानों के ऊपर कार्रवाई करती हैं. लेकिन इसके बावजूद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ. ऐसे में सरकारों ने पराली से एथेनॉल बनाने का फैसला किया.
UP News: अब उत्तर प्रदेश में पराली से होगी कमाई, यहां जानिए कैसे धूंए के बजाए पराली देगी पैसे
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