सरकार पहले 17 अक्टूबर तक भंडार का खुलासा नहीं करने वालों पर राज्य सरकार की कार्रवाई का इंतजार करेगी और उसके बाद भी खुलासा संतोषजनक नहीं मिलता है तो स्टॉक लिमिट लगाई जा सकती है
चीनी का कारोबार करने वाली सभी संस्थाएं अगर कल यानी 17 अक्टूबर तक आधिकारिक पोर्टल पर अपने भंडार का खुलासा नहीं करती हैं तो केंद्र सरकार चीनी के व्यापार पर स्टॉक सीमा लगाने पर विचार कर सकती है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार पहले 17 अक्टूबर तक भंडार का खुलासा नहीं करने वालों पर राज्य सरकार की कार्रवाई का इंतजार करेगी और उसके बाद भी अगर खुलासा संतोषजनक नहीं मिलता है तो व्यापक भंडार सीमा लगाई जा सकती है।
अधिकारी ने कहा, ‘हम उन लोगों के आंकड़े एकत्र कर रहे हैं जिन्होंने अपने चीनी के भंडार बता दिए हैं और जिन्होंने अब तक ऐसा नहीं किया है उन पर कार्रवाई पर विचार किया जा रहा है।’ उन्होंने कहा कि कुछ बड़े नाम हैं जो इस प्रक्रिया से दूर हो गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि चीनी निर्यात पर प्रतिबंध 31 अक्टूबर के बाद अनिश्चितकाल तक बढ़ाया भी जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘फिलहाल चीनी का निर्यात 31 अक्टूबर तक प्रतिबंधित श्रेणी में है और उसके बाद हम इसे अनिश्चितकाल तक बढ़ा देंगे।’
दोनों निर्णय जाहिर तौर पर चीनी की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए लिए गए हैं। उत्पादन कम होने के कारण पिछले कुछ हफ्तों से चीनी के दाम बढ़ रहे हैं। अधिकारी ने कहा कि सरकार का मानना है कि 2023-24 में चीनी का उत्पादन लगभग 3-3.1 करोड़ टन होने की उम्मीद है जो लगभग 2.8 करोड़ टन की घरेलू मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त होगा। 30 सितंबर 2023 को समाप्त हुए 2022-23 चीनी सीजन में भारत ने लगभग 3.3 करोड़ टन चीनी का उत्पादन किया है। भारत ने चीनी सीजन 2023-24 की शुरुआत 56 लाख टन चीनी के शुरुआती स्टॉक के साथ की। यह पिछले सीजन के 63 लाख टन चीनी के शुरुआती स्टॉक से थोड़ा कम था। इस वर्ष असामान्य रूप से लंबे और शुष्क अगस्त के कारण भारत के चीनी उत्पादन में गिरावट का अनुमान है।
इस बीच, समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा ने कल बताया था कि सरकार ने चीनी कारोबारियों को 17 अक्टूबर तक खाद्य मंत्रालय की वेबसाइट पर अपने भंडार की जानकारी देने के लिए अंतिम आदेश जारी किया है। 23 सितंबर को खाद्य मंत्रालय ने एक आदेश जारी कर सभी चीनी के सभी हितधारकों, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं और प्रोसेसरों को वेबसाइट पर साप्ताहिक रूप से अपने भंडार की अद्यतन स्थिति बताने का निर्देश दिया था।
मंत्रालय ने हितधारकों को पत्र लिखकर कहा था, ‘चीनी और वनस्पति तेल निदेशालय को कई ऐसे उदाहरण मिले हैं जहां इनमें से कई संस्थाओं के पास पर्याप्त मात्रा में चीनी के भंडार हैं, जिसकी जानकारी नहीं है।’