उत्तर प्रदेश में उपजाऊ जमीन तथा गंगा एवं यमुना जैसी नदियों से पर्याप्त जल संसाधन होने के कारण कृषि उत्पादकता में 3 से 4 गुना तक वृद्धि हो सकता है। भारत में गन्ने की प्रति हेक्टेयर उपज और किसानों की आय चीन की तुलना में केवल एक तिहाई है। विकसित देशों की तुलना में मात्र 25-30 फीसदी ही देश में इसका उत्पादन है। धानुका एग्रीटेक लि. द्वारा लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम “शुगर केन सस्टेनेबिलिटी वेस्ट प्रैक्टिसेस एंड इनोवेशंस” में धानुका के चेयरमैन डॉ. आर.जी. अग्रवाल ने कहा कि उत्पादकता एवं मुनाफा बढ़ाने के लिए आधुनिक कृषि विधियों तथा वैज्ञानिक तकनीक का उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि धानुका एग्रीटेक ऐसे आधुनिक समाधान उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
कार्यक्रम में पद्मश्री गन्ना वैज्ञानिक डॉ. बख्शीराम, एमएलए माधवेन्द्र प्रताप सिंह, यूपी को-ऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज
फेडरेशन लि. के एमडी डॉ. कुमार विनीत तथा डीसीएम श्रीराम के सीईओ रोशनलाल टामक आदि ने भी अपने विचार रखे। सेमीनार के दौरान प्रदेश में कम गन्ना उपज की समस्या को हल करने पर जोर दिया गया। उत्तर प्रदेश में गन्ने की औसत उपज
84 टन है जबकि तमिलनाडु में 105 टन है। सेमीनार के दौरान पेश किये गये आंकड़ों में बताया गया कि यूपी में प्रगतिशील किसान 284 टन तक की गन्ना उत्पादकता प्राप्त कर रहे हैं।
गन्ना भुगतान के नये मैकेनिज्म से भुगतान हुआ आसान
प्रदेश सरकार किसानों के गन्ना मूल्य भुगतान के लिए एस्क्रो अकाउंट मैकेनिज्म का इस्तेमाल कर रहा है। इस मैकेनिज्म के जरिए गन्ना किसानों के भुगतान में तेजी आई है। सरकारी आंकड़ों से पता चला है कि बीते 7 साल में 46 लाख से अधिक गन्ना किसानों की रकम भुगतान की गई है। यूपी में गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 370 रुपये प्रति क्विंटल है।
उत्तर प्रदेश कृषि विभाग के अनुसार, गन्ना कृषकों को गन्ना मूल्य का भुगतान समय से देने के लिए वर्ष 2017 से एस्क्रो अकाउंट मैकेनिज्म प्रारंभ किया गया है। एस्क्रो अकाउंट मैकेनिज्म एक वित्तीय व्यवस्था है जिसमें तीसरा पक्ष किसी लेनदेन में शामिल दो पक्षों के लिए राशि की पेमेंट रखता है। एस्क्रो अकाउंट लेनदेन की प्रक्रिया के दौरान एसेट्स के लिए सुरक्षित जगह होता है।
46 लाख किसानों को हुआ 2.73 लाख करोड़ का पेमेंटराज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार, साल 2017 से अब तक यानी करीब 7 साल में 46 लाख गन्ना किसानों को 2.73 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड भुगतान किया जा चुका है। यह भुगतान राशि साल 2017 से
पहले के 22 साल में किए गए भुगतान की कुल रकम 59,143 करोड़ से काफी अधिक है। प्रदेश सरकार ने इस बार गन्ने का मूल्य नहीं बढ़ाया है। किसानों को पिछले साल के बराबर ही गन्ना मूल्य मिलेगा। राज्य सरकार ने गन्ना मूल्य 370 रुपए यथावत रखा है। केंद्र सरकार की ओर से चीनी सीजन 2024-25 के लिए 10.25 फीसदी की चीनी रिकवरी दर पर गन्ने की एफआरपी 340 रुपये प्रति क्विंटल रखा गया है और यह 2023-24 के लिए गन्ने की एफआरपी से लगभग 8 फीसदी अधिक है।