Sunday, December 22, 2024
Homefarmerकिसानों की दोगुनी आय की जांच करेगी फैक्ट फाइंडिंग कमेटी

किसानों की दोगुनी आय की जांच करेगी फैक्ट फाइंडिंग कमेटी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल २०१६ में किसानों की आय दोगुनी करने की घोषणा की थी, जिसका समय २०२२ में समाप्त हो गया। तभी से ही इस दावे को लेकर विपक्षी दल और किसान संगठन सवाल उठाते रहे हैं। वहीं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने ऐसे ७५ हजार किसानों का एक दस्तावेज जारी किया था, जिनकी आय दोगुनी हो गई है। लेकिन पिछले दिनों एक मीडिया रिपोर्ट में उन किसानों की जमीनी पड़ताल करते हुए आईसीएआर के दावे पर सवाल खड़े कर दिये।

किसानों की दोगुनी आय के दावों को लेकर एक बार फिर बहस छिड़ गई है। ऐसे में आईसीएआर ने किसानों की दोगुनी आय संबंधी दस्तावेज के तथ्यों और आंकड़ों की पुष्टि के लिए एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी गठित की है। आईसीएआर द्वारा १९ अप्रैल को एक ऑफिस आर्डर जारी कर कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी के तहत हरियाणा में गुरूग्राम और उत्तर प्रदेश में गौतम बुद्ध नगर के लिए दो-दो टीम बनाई गई हैं। यह टीम २० अप्रैल को इन स्थानों पर जाकर जानकारी हासिल करेंगी और २२ अप्रैल, २०२४ को अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंप देंगी।

इस आर्डर में कहा गया है कि कंपिटेंट अथारिटी ने एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी गठित की है जो किसानों की आय दोगुना होने के दस्तावेज के तथ्यों की सत्यता जानने के लिए संबंधित किसानों के साथ बातचीत कर अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी। इसके लिए गुरूग्राम और गौतम बुद्ध नगर को चुना गया है। दोनों जगह लिए दो-दो टीम बनाई गई हैं। गुरूग्राम की टीम-एक की चेयरमैन इंडियन एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट (आईएआरआई) की एक्सटेंशन की पूर्व प्रमुख डॉ. प्रेमलता सिंह होंगी वहीं उनके साथ दूसरे सदस्य कृषि एवं किसान कल्याण विभाग में एडिशनल कमिश्नर (एक्सटेंशन) डॉ. वाई आर मीणा होंगे। गुरूग्राम की दूसरी टीम के चेयरमैन योजना आयोग के पूर्व सलाहकार डॉ वी वी सदामते होंगे। उनके साथ सदस्य कृषि एवं किसान कल्याण विभाग में डायरेक्टर एस के मिश्रा होंगे।

गौतम बुद्ध नगर के लिए टीम-एक के चेयरमैन जम्मू स्थित शेरे कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर साइंस एंड टेक्नोलॉजी (एसकेयूएएसटी) के वाइस चांसलर डॉ. जे. पी. शर्मा हैं जिनके साथ कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के एडिशनल कमिश्नर (एक्सटेंशन) डॉ संजय कुमार दूसरे सदस्य हैं। गौतम बुद्ध नगर की टीम दो में डॉ. एस के सिंह चैयरमैन हैं और उसके साथ कृषि मंत्रालय के ज्वाइंट कमिश्नर (एक्सटेंशन) डॉ. वेणु प्रसाद दूसरे सदस्य हैं। आदेश के मुताबिक कमेटी के सदस्य २० अप्रैल को मौके पर जाएंगे और २२ अप्रैल को अपनी रिपोर्ट सौंप देंगे। अब देखना है कि क्या आईसीएआई की कमेटी उन किसानों को खोज पाती है या नहीं जिनकी आय दोगुनी हुई है। लोकसभा चुनाव के बीच किसानों की आय का मुद्दा राजनीतिक तौर पर भी मायने रखता है।

एमएसपी में बदलाव संस्थागत तंत्र की हैं मांग

सरकार द्वारा गन्ने की एफआरपी लगातार बढ़ाई जा रही है परंतु चीनी एमएसपी स्थिर बनी हुई है। २०१९ में चीनी का एमएसपी बढ़ाकर ३१ रुपये प्रति किलोग्राम कर दिया गया उस समय देश में एफआरपी २७५ रुपये प्रति क्विंटल थी। तब से एफआरपी में प्रति क्विंटल लगभग ६५ रुपये (नवीनतम वृद्धि रु.३४०/क्विंटल सहित) की वृद्धि देखी गई है, जबकि एमएसपी ३१ रुपये किग्रा पर स्थिर बना हुआ है। चूंकि एमएसपी का निर्धारण एफआरपी और अन्य कारकों को ध्यान में रखकर किया जाता है, इसलिए चीनी मिल उत्पादन लागत में वृद्धि को कम करने के लिए एमएसपी में तत्काल वृद्धि की मांग कर रहे हैं। श्री रेणुका शुगर के कार्यकारी अध्यक्ष अतुल चतुर्वेदी ने कहा है कि कोई भी आम आदमी पूछेगा कि चीनी का एमएसपी क्यों बढ़ाया जाए जब यह पहले से ही मौजूदा एमएसपी ३१ रुपये प्रति किलोग्राम से ऊपर बिक रहा है। यह स्थिति हमेशा के लिए नहीं रह सकती। इसलिए, उद्योग एफआरपी में बदलाव के अनुरूप एमएसपी को बदलने का एक संस्थागत तंत्र चाहता है। चतुर्वेदी का कहना है कि एफआरपी वृद्धि के अनुरूप एमएसपी बढ़ाने की प्रक्रिया से उद्योग को मदद मिलेगी और फसल बड़ी होने पर कीमतों में गिरावट का डर दूर हो जाएगा। उन्होंने कहा कि उच्च एमएसपी और कम एमएसपी एक टिकाऊ मॉडल नहीं है। हमने चीनी उद्योग और किसानों की कीमत पर शहरी उपभोक्ता और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बहुत लंबे समय तक बढ़ावा दिया है। गन्ना किसानों और प्रोसेसर्स के हित को बरकरार रखने के लिए एमएसपी को ३८ रुपये से ४० रुपये प्रति किलोग्राम एक्स फैक्ट्री के बीच बढ़ाना काफी महत्वपूर्ण है।

Sugar Times Team
Sugar Times Teamhttps://www.sugartimes.co.in
The Sugar Times Editorial Team is a group of experienced journalists, analysts, and industry experts dedicated to providing in-depth coverage and insights on the global sugar industry. With years of experience in agriculture, trade, sustainability, and market trends, the team brings a wealth of knowledge and expertise to every article they produce.Focused on delivering accurate, timely, and relevant news, the Sugar Times Editorial Team aims to keep industry professionals, stakeholders, and enthusiasts informed on key developments in sugar production, trade policies, innovations, and sustainable practices. Their collective goal is to help readers navigate the complexities of the sugar sector and stay ahead of emerging trends shaping the future of the industry.You may submit your article on info@sugartimes.co.in if you have valuable contributions for the industry readers.
RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

Most Popular

WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com