नई दिल्ली –केंद्र सरकार ने गन्ने के रस से इथेनॉल के उत्पादन पर प्रतिबंध लगा दिया है| जबकि गन्ने से इथेनॉल के उत्पादन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, मकई की फसल को बाहर रखा गया है। विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया है कि इथेनॉल के लिए मक्के की मांग बढ़ेगी| एक टन मक्के से 370 लीटर इथेनॉल प्राप्त होता है। इसलिए मक्के की फसल के अच्छे दिन आने की संभावना है| किसानों की आय में बढ़ोतरी की संभावना है| पिछले सीजन में 359 लाख टन मक्के का उत्पादन हुआ था. इस साल उत्पादन 343 लाख टन होने की संभावना है. इस वर्ष कम बारिश के कारण मक्के के उत्पादन में गिरावट के संकेत हैं|
गन्ने से इथेनॉल उत्पादन पर प्रतिबंध से अनाज से इथेनॉल उत्पादन बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। फिलहाल देश में मक्के की सप्लाई और कीमतें स्थिर हैं. इससे मक्के की खपत बढ़ सकती है. अनुमान है कि देश में 325 लाख टन मक्के की खपत होगी. इसमें से 200 लाख टन का उपयोग पशु आहार के लिए किया जाएगा। अनुमान है कि 12.5 लाख टन मक्के का उपयोग मानव भोजन, बीज, औद्योगिक उपयोग के लिए किया जाएगा।