उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में सीएम योगी आदित्यनाथ ने 351 करोड़ की 281 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने चौधरी अजीत सिंह की जयंती पर उनकी प्रतिमा का अनावरण किया। उन्होंने गन्ना किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बारे में बताया। साथ ही कहा कि जितना विपक्ष ने 1995 से 2017 तक भुगतान किया, उससे ज्यादा बीजेपी सरकार ने केवल 8 वर्षों में किया है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बागपत के विकास के लिए पैसे की कोई कमी नहीं है। पश्चिमी यूपी के किसानों ने आधुनिकीकरण अपनाकर नई बुलंदी छुई है। आठ वर्षों में, 2017 से अब तक दो लाख 72 हजार 600 करोड़ रुपये अन्नदाता के खातों में ट्रांसफर किए जा चुके हैं। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गन्ना किसानों के लिए सरकार लगातार काम कर रही है। अन्नदाता किसान के खातों में पाई-पाई जाएगी, नहीं तो चीनी मिलों का सरकार अधिग्रहण कर लेगी। हर चीनी मिल को अच्छे ढंग से चलाएंगे। जो चीनी मिल लेट गन्ना भुगतान कर रही हैं, उनको समयबद्ध भुगतान के लिए सख्ती की जा रही है।
बसंतकालीन बुवाई में वृद्धि हेतु की गई समीक्षा बैठक
गन्ना किस्म विस्थापन बीज बदलाव एवं बसन्तकालीन बुवाई को बढ़ाने हेतु श्रीमती वीना कुमारी, प्रमुख सचिव, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग, उप्र की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आहूत की गयीं। बैठक में उन्होंने बताया कि गन्ना किस्म को. 0238 के लाल सड़न रोग से प्रभावित होने एवं उपज में गिरावट के कारण इसका विस्थापन आवश्यक हो गया है। साथ ही चीनी मिलों को उनकी पेराई क्षमता के अनुरूप गन्ने की उपलब्धता हेतु गन्ने की पर्याप्त बुआई भी आवश्यक है। तत्क्रम में को. 0238 गन्ना किस्म का बदलाव एवं उच्च उत्पादन तथा चीनी परता वाली रोग-रोधी नवीन स्वीकृत गन्ना किस्मों का आच्छादन बढ़ाया जाना जरूरी है।
राज्य सरकार द्वारा शोध संस्थानों के माध्यम से नई गन्ना किस्में स्वीकृत की गई हैं जो अच्छा उत्पादन एवं चीनी परता देने में सक्षम है तथा लाल सडन रोग के प्रति रोगरोधी भी बतायी गई हैं। अगेती गन्ना किस्में को.शा. 19231, को. से. 17451, को. 15023, को. 0118, को. लख 14201. को लख. 16202, को. शा 13235, को. शा. 17231, को.शा. 18831 एवं को. लख. 15466 किस्में को. 0238 के विस्थापन हेतु चयनित की गई है। इनमें से को. से. 17451, को. लख. 16470 (मध्य देर) एवं को. लख 15466 मात्र पूर्वी उ.प्र. के लिए हैं। विभाग द्वारा कुल 13.45 लाख हेक्टेअर क्षेत्रफल में बसंतकालीन गन्ना बुआई का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए 7.97 करोड कु. बीज चीनी मिलों द्वारा आरक्षित किया गया है। उक्त आहूत समीक्षा बैठक में गन्ना आयुक्त उ.प्र. प्रबन्ध निदेशक, सहकारी चीनी मिल संघ, अपर गन्ना आयुक्त (विकास) / निदेशक, उ.प्र गना शोध परिषद, मुख्य गन्ना विकास सलाहकार, सहकारी चीनी मिल संघ, गन्ना किसानों, चीनी मिलों के प्रधान प्रबन्धक, गन्ना शोध संस्थान के वैज्ञानिक एवं विभागीय अधिकारियों द्वारा फिजीकली अथवा वर्चुअली रूप से प्रतिभाग किया गया।