बॉयलर टैंकों में ढाई लाख लीटर एथेनॉल मौजूद था। नौ घंटे बाद भी आग पर काबू नहीं पाया जा सका। इस एथेनॉल को बीपीसीएल और आईओसीएल को भेजा जाता है ताकि एथेनाॅल युक्त पेट्रोल तैयार हो सके।
अंबाला के शहजादपुर स्थित गांव जटवाड़ पर ओएसिस इंडस्ट्रीज की एथेनॉल निर्माण प्लांट में वीरवार सुबह तेज धमाके के साथ दो एथेनॉल स्टोरेज टैंकों में आग लग गई। आग को बुझाने के लिए 10 से अधिक दमकल विभाग की गाड़ियों को बुलाना पड़ा मगर देर सायं तक आग पर काबू नहीं पाया जा सका है।
इस हादसे में कंपनी के प्लांट ऑपरेटर की मौत हो गई। मौत का कारण धमाके की चपेट में आना बताया जा रहा है। इस प्लॉट से एथेनॉल देशभर में भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड और आईओसीएल को भेजा जाता है। दमकल विभाग की टीम और प्लांट के अधिकारी देर शाम तक आग को काबू करने के लिए प्रयास करते दिखाई दिए।
हैरानी की बात तो यह है कि गनीमत रही कि दो ही एथेनॉल स्टोरेज टैंकों में आग लगी, अगर अन्य टैंकों में आग लगती तो कोई भी बड़ी घटना हो सकती थी। अभी तक आग लगने का कारण टैंक में अत्यधिक तापमान बढ़ने से गैस बनना बताया जा रहा है।
सुबह नौ बजे टैंक में हुआ था धमाका
दरअसल वीरवार को सुबह रोजाना की तरह प्लांट में कुछ ही कर्मचारी अपनी शिफ्ट पर थे। सवा 9 बजे अचानक से परिसर में स्थापित एथेनॉल स्टोरेज टैंकों के ऊपर से एक धमाके की आवाज आई और आग लग गई। इस पर कर्मचारियों ने दमकल विभाग को सूचित किया। इसके बाद कंपनी प्रबंधन ने फैक्ट्री को खाली करा लिया। कुछ दूर में दमकल विभाग की गाड़ियां आ गईं और आग पर काबू पाने की कोशिश करने लगीं। इसी दौरान दोपहर को जब दमकल की टीम प्लॉट में गई तो वहां टैंक के पास उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर निवासी 44 वर्षीय नीरज का शव मिला। वह वर्ष 2013 से कंपनी के प्लांट में प्लांट ऑपरेटर के पद पर कार्यरत था। इधर देर सायं तक आग पर काबू पाया नहीं जा सका। हालांकि इसका प्रभाव जरूर कुछ कम करने में सफलता मिली।