गन्ना छीलने के झंझट से किसानों को निजात मिलने वाली है। गन्ना छीलने वाली मशीन किसानों की समस्या को हल करने वाली है। मशीन से पहले गन्ना कटाई और फिर छिलाई होगी। मंसूरपुर चीनी मिल क्षेत्र के गांव बोपाड़ा में ट्रायल हुआ। इस दौरान किसान भी मौजूद रहे।
खेती में बढ़ते मशीनीकरण में एक कदम और आगे बढ़ने जा रहा है। किसानों के पास घटती मैन पावर के चलते अब मशीन से ही गन्ने की कटाई और छिलाई का कार्य किया जाएगा। यह मशीनें एक दिन में पांच सौ क्विंटल गन्ने की छिलाई कर सकती है। बोपाड़ा गांव में मशीन का ट्रायल देखने के लिए सैकड़ों लोग पहुंचे।
मंसूरपुर शुगर मिल की ओर से सोमवार को गांव बोपाड़ा में खेतों से गन्ना काटकर छिलाई वाली मशीन का ट्रायल किया गया। गन्ना महाप्रबंधक उत्तम कुमार वर्मा ने बताया कि यह मशीन गन्ने को जड़ से काटकर अलग करती है। खेत से गन्ना काटने के बाद दूसरी मशीन में इससे अगोले को अलग किया जाता है। एक दिन में यह मशीन 500 क्विंटल गन्ने की कटाई कर सकती है।
उन्होंने बताया कि अभी इस मशीन का ट्रायल चल रहा है, जल्द ही यह मार्केट में आ जाएगी। इस मशीन के आ जाने से किसानों को गन्ना कटाई और छिलाई करने वाले मजदूरों की समस्या नहीं रहेगी। ट्रायल के दौरान मुख्य कार्यकारी अधिकारी संदीप कुमार शर्मा, उपाध्यक्ष सुधीर कुमार, रविंद्र कुमार शर्मा, विकास कुमार, दिनेश कुमार, अनिल कुमार शर्मा उपस्थित रहे।
इसलिए हो सकता है लाभ
इन मशीनों से आने वाले सालों में लाभ हो सकता है। असल में खेतों में काम करने वाले किसानों और मजदूरों की संख्या में तेजी के साथ कमी आ रही है। घटती जोत के कारण किसानों का खेत से पलायन हुआ है। ऐसे में फसल कटाई के दौरान बड़ा संकट खड़ा हो जाता है।
मशीन एक दिन में करीब पांच सौ क्विंटल गन्ने की कटाई करती है। लेकिन जिले में पांच सौ क्विंटल की फसल वाले किसानों की संख्या कम हुई है। छोटी जोत के किसान रोजाना पशुओं के लिए चारे का इंतजाम करने के लिए धीरे-धीरे गन्ने की छिलाई करते हैं। ऐसे में छोटी जोत के किसानेां के लिए यह मशीन कितनी कारगर होती यह आने वाले समय में ही पता चल सकेगा।