लखनऊ: उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों और चीनी उद्योग के लाभ के लिए उच्च गुणवत्ता और रोग प्रतिरोधक क्षमता वाली गन्ने की नई विकसित किस्मों को अपनाने का निर्णय लिया गया है। सरकार के गन्ना बीज परिवर्तन कार्यक्रम के तहत राज्य में गन्ना किसानों के लिए नये विकसित गन्ना बीज की उपलब्धता बढ़ाने पर सहमति बनी है। इस संबंध में गन्ना एवं चीनी आयुक्त की अध्यक्षता में 20 फरवरी 2024 को गन्ना बीज एवं गन्ना प्रजाति मान्यता उप समिति की बैठक हुई। बैठक में उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद द्वारा नव विकसित गन्ना प्रजाति 18231 का अनुसंधान/परीक्षण डेटा प्रस्तुत किया गया। गन्ने की किस्म कोशा 18231 की उपज 90.16 टन प्रति हेक्टेयर है। यह उत्पादन दर से 11.36 एवं 27.92 प्रतिशत अधिक पाया गया। गन्ने की कोशा नस्ल. 18231 में रस में चीनी का प्रतिशत भी तुलनात्मक रूप से अधिक पाया गया।उपलब्ध आंकड़ों के विस्तृत तुलनात्मक अध्ययन के बाद, उप-समिति ने सर्वसम्मति से पूरे राज्य के लिए गन्ना किस्म कोशा 18231 (प्रारंभिक) को मंजूरी दे दी।
इसके अलावा, उप-समिति ने राज्य में फसल मानक अधिसूचना और कृषि फसलों की किस्मों (सीवीआरसी) 2023 जारी करने के लिए केंद्रीय उप-समिति द्वारा अनुमोदित भारत सरकार द्वारा अधिसूचित नई गन्ना किस्मों को अपनाने पर भी विचार किया। भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ ने दोनों नव विकसित गन्ना किस्मों कोयल 16202 (फास्ट) और कोयल 15206 को मंजूरी दे दी है। सरकार ने राज्य में गन्ना किसानों के लिए इन तीन नई किस्मों की सिफारिश की है। उपरोक्त गन्ना किस्मों के बीज आगामी वर्ष में शरदकालीन बुआई अवधि के दौरान किसानों को उपलब्ध होंगे।