कानपुर। राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (एनएसआई) और सुजालकेम टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, हैदराबाद के बीच सोमवार को एक अनुसंधान समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। समझौते के अनुसार दोनों संस्थाएं बी हैवी शीरे के भंडारण पर होने वाली चीनी की हानि को रोकने के लिए विशिष्ट एंजाइम के विकास के लिए कार्य करेंगे ताकि इथेनॉल का उत्पादन बढ़ाया जा सके।
संस्थान के निदेशक प्रोफेसर नरेंद्र मोहन ने बताया की शीरा सी की अपेक्षा बी हैवी शीरे में बैक्टीरिया एवं अन्य रासायनिक प्रक्रियाओं के कारण चीनी को नुकसान पहुंचता है।
इसके कारण इथेनॉल की उत्पादकता पर भी प्रभाव पड़ता है।
अब उद्देश्य एंजाइम आदि पर नियंत्रण कर इसे रोकना है ताकि इथेनॉल की उत्पादकता बढ़ाई जा सके। इस अवसर पर अशोक गर्ग और ईश्वर गोरेवारा आदि मौजूद रहे।