28th Sept 2021: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने आज जलवायु सहिष्णु कृषि तकनीकों एवं पद्धतियों के व्यापक अभियान का शुभारंभ ऑनलाइन मोड से करते हुए किसानों को 11 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित होने, शत प्रतिशत नीम लेपित यूरिया की आपूर्ति, सिंचाई परियोजनाओं द्वारा देश भर में सिंचाई सुविधाओं का विस्तार, सूक्ष्म सिंचाई एवं स्प्रिंकलर द्वारा जल की बचत, विभिन्न कृषि उत्पादों के न्यूनतम समर्थन मूल्यों तथा सरकार द्वारा क्रय-केन्द्रों की संख्या में वृद्धि, छोटे किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा उपलब्ध कराने जैसी सरकार की विभिन्न योजनाओं की चर्चा की।
प्रधान मंत्री ने बैक टू बेसिक्स तथा मार्च टू फ्यूचर में समन्वय स्थापित करने पर ज़ोर दिया।
संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में घोषित किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होने इस अवसर पर मोटे अनाजों की पौष्टिकता के महत्व को रेखांकित करने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजन करने की सलाह दी।





कार्यक्रम का शुभारंभ, श्री नरेंद्र सिंह तोमर, माननीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, भारत सरकार ने देश के 86% छोटे किसानों के कल्याण के लिए भारत सरकार द्वारा संचालित प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना, प्रधान मंत्री किसान सम्मान योजना व ई-नाम जैसी विभिन्न किसानोपयोगी योजनाओं एवं नरेंद्र मोदी जी के मुख्य मंत्रित्व काल में गुजरात में हुई कृषि की विभिन्न विकास योजनाओं की चर्चा की। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, श्री भूपेश बघेल ने जलवायु परिवर्तन के पड़ने वाले दुष्प्रभावों की विस्तार से चर्चा की। इस अवसर पर प्रधान मंत्री महोदय ने जम्मू व काश्मीर व गोवा की दो महिला किसानों तथा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड व मणिपुर के तीन पुरुष किसानों के साथ संवाद करके उनसे कृषि में अपनाई जा रही उन्नत कृषि प्रौद्योगिकियों के बारे में विस्तार से चर्चा की।
इस अवसर पर जस्ते व लौह तत्वों से बायोफोर्टिफाइड, रोगरोधी, लवणता, सूखा व जल-प्लावन जैसी विशेष अवस्थाओं में खेती हेतु उपयुक्त जैसे विशेष गुणों वाली 35 फसल प्रजातियों का विमोचन भी प्रधान मंत्री महोदय द्वारा किया गया। प्रधान मंत्री जी ने भाकृअनुप – राष्ट्रीय अजैविक स्ट्रैस प्रबंध संस्थान, रायपुर को राष्ट्र को समर्पित किया जहां पर विभिन्न फसलों की कीटों, रोगों व सूक्ष्मकृमियों के प्रति अवरोधी क़िस्मों का विकास किया जाएगा। इस अवसर पर पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना; तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय, कोयम्बटूर; केंद्रीय मत्स्य शिक्षा संस्थान, मुंबई तथा यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल साइन्सेज, धारवाड़ जैसे चार विश्वविद्यालयों को स्वच्छ हरित परिसर पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

प्रधान मंत्री के अधिभाषण का सजीव प्रसारण भाकृअनुप– भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ के प्रेक्षाग्रह में 250 अतिथि किसानों तथा संस्थान के वैज्ञानिकों एवं कर्मचारियों के समक्ष किया गया।
इस अवसर पर उपस्थित किसानों के लिए एक वैज्ञानिक-किसान संगोष्ठी का आयोजन भी किया गया जिसमें वैज्ञानिकों ने कृषकों की समस्याओं का निराकरण प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर संस्थान के प्रेक्षाग्रह में लखनऊ कैंट के विधायक, श्री सुरेश चंद्र तिवारी, भाकृअनुप–अटारी, कानपुर के निदेशक डॉ. अतर सिंह; भाकृअनुप–भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ के निदेशक, डॉ. अश्विनी दत्त पाठक भी उपस्थित थे।
श्री सुरेश चन्द्र तिवारी जी ने किसानों को भारत एवं उत्तर प्रदेश सरकारों द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाकर अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने का आह्वान किया तथा केवीके, लखनऊ द्वारा वर्मीकम्पोस्ट तथा मशरूम की खेती पर आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रमों के सफल प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए।
डॉ. अश्विनी दत्त पाठक ने प्रधानमंत्री की किसानों की आय दोगुनी करने की महत्वाकांक्षी योजना हेतु संस्थान द्वारा किए जा रहे प्रयासों एवं उपलब्धियों की चर्चा की। कृषि विज्ञान केंद्र, लखनऊ के अध्यक्ष, डॉ. अखिलेश कुमार दुबे ने उपस्थित विशिष्टजनों का स्वागत करते हुए किसानों की आय वृद्धि करने हेतु विभिन्न कृषि हस्तक्षेपों के बारे में विस्तार से चर्चा की।
