बजट में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने अन्नदाता किसानों के उत्थान को लेकर योगी सरकार के प्रयासों को बताया। साथ ही किसान हित से जुड़ी योजनाओं व उनके उत्थान के बारे में सुरेश खन्ना ने योगी सरकार के निरंतर प्रयासों से भी सदन को अवगत कराया। वहीं गन्ना किसानों के लिए प्रस्तावित योजना और आवंटित धनराशि के बारे में भी जानकारी दी।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत लगभग 3 करोड़ कृषकों को लगभग 79,500 करोड़ रुपये की धनराशि डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की गयी।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-2025 में लगभग 10 लाख बीमित कृषकों को लगभग 496 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति का भुगतान कराया गया।
पी.एम. कुसुम योजना के अन्तर्गत वर्ष 2024 में कृषकों के प्रक्षेत्रों पर विभिन्न क्षमता के कुल 22,089 सोलर पम्पों की स्थापना करायी गयी।
कृषकों को दुर्घटनावश मृत्यु दिव्यांगता की स्थिति में मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना दिनाँक 14 सितम्बर, 2019 से लागू की गई है।
कृषकों को गन्ना मूल्य भुगतान समय से सुनिश्चित कराने हेतु वर्ष 2017 से एस्क्रो एकाउन्ट मैकेनिज्म प्रारम्भ किया गया है जिसके फलस्वरूप चीनी मिलों में गन्ना मूल्य मद की धनराशि के व्यावर्तन पर पूर्ण अंकुश लगा है।
वर्तमान सरकार द्वारा वर्ष 2017 से अब तक लगभग 46 लाख गन्ना किसानों को लगभग 2,73,000 करोड़ रूपये का रिकार्ड गन्ना मूल्य भुगतान कराया गया।
यह गन्ना मूल्य भुगतान इसके पूर्व के 22 वर्षों के सम्मिलित गन्ना मूल्य से 59,143 करोड़ रूपये अधिक है।
औसत गन्ना उत्पादकता 72 टन प्रति हेक्टेयर से 85 टन प्रति हेक्टेयर बढ़ जाने से किसानों की आय में औसतन
370 रूपये प्रति कुन्तल की दर से 43,364 रूपये प्रति हेक्टेयर की वृद्धि हुई। इसके लिये शोध संस्थानों के वैज्ञानिक, छात्र तथा हमारे परिश्रमी किसान भाई बधाई के पात्र हैं।
प्रदेश को प्रमाणित बीज उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिये उत्तर प्रदेश बीज स्वावलम्बन नीति, 2024 के अन्तर्गत प्रदेश में सीड पार्क विकास परियोजना संचालित है, जिसके लिये 251 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
नेशनल मिशन आन नेचुरल फॉर्मिंग योजना के अंतर्गत प्रदेश के समस्त जनपदों में प्राकृतिक खेती का कार्यक्रम संचालित किया जायेगा, जिसके लिए 124 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
पीएम कुसुम योजना के अन्तर्गत कृषकों के प्रक्षेत्रों पर सोलर पम्पों की स्थापना करायी जा रही है, इसके लिए 509 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
कृषि क्षेत्र की क्षमता एवं कौशल विकास तथा उत्पादन वृद्धि की योजना के लिये 200 करोड़ रुपये एवं विश्व बैंक सहायतित यू.पी. एग्रीज परियोजना के लिये 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
गन्ना भुगतान के लिए हुआ 475 करोड़ का आवंटन
राज्य सरकार द्वारा इस सीजन में गन्ना मूल्य में बढ़ोतरी न करने से नाराज किसानों को राहत देने की कोशिश की जा रही है। योगी सरकार ने 20 फरवरी को वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया। बजट का आकार 8 लाख 8 हजार 736 करोड़ 6 लाख रुपये रखा गया है। सरकार ने इस बजट में गन्ना मूल्य के भुगतान के लिए 475 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है, जिससे किसानों को समय पर भुगतान मिल सकेगा।
बजट में 22 प्रतिशत राशि विकास परियोजना के लिए, शिक्षा के लिए 13 प्रतिशत, कृषि व संबद्ध सेवाओं के लिए 11 प्रतिशत जबकि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र के लिए छह प्रतिशत राशि आवंटित की गई है। गन्ने की खेती और चीनी मिलों को लेकर वित्त मंत्री सुरेश खचा ने कहा कि ये प्रदेश की अर्थव्यवस्था और ग्रामीण विकास की प्रमुख धुरी हैं। गन्ना मूल्य के भुगतान के लिए 475 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। वित्त मंत्री ने कहा कि पिपराइच चीनी मिल में 60 केएलपीडी क्षमता की आसवानी की स्थापना के लिए 90 करोड़ रुपये, बंद पड़ी छाता चीनी मिल पर 2 हजार टीसीडी क्षमता की नई चीनी मिल और लॉजिस्टिक हब वेयर हाउसिंग कॉम्प्लेक्स की स्थापना के लिए 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
कृषि शिक्षा एवं अनुसन्धान
कृषि शिक्षा, शोध एवं प्रसार कार्यों में गतिशीलता बनाये रखने तथा प्रभावी परिणाम कृषकों को उपलब्ध कराने की दृष्टि से प्रदेश में पाँच कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय स्थापित हैं। प्रदेश में 20 नये कृषि विज्ञान केन्द्रों की स्थापना की गयी है। प्रदेश में कुल 89 कृषि विज्ञान केन्द्र संचालित हैं। जनपद कुशीनगर में महात्मा बुद्ध कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालयों में शोध कार्यक्रम हेतु 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। प्रदेश में स्थापित कृषि विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों में विभिन्न कार्यों हेतु लगभग 86 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित हैं।
p.8प्रति एकड़ 1.03 लाख रुपये है गन्ना उत्पादन लागत
प्रदेश के गन्ना विकास एवं चीनी मिल मामलों के मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी ने 19 फरवरी को कहा कि उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद ने वर्तमान पेराई सत्र 2024-25 के लिए औसत गन्ना उत्पादन लागत 1,03,091 रुपये प्रति एकड़ का आकलन किया है। विधानसभा में बजट सत्र में सवालों का जवाब देते हुए चौधरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद, शाहजहांपुर द्वारा वर्तमान पेराई सत्र 2024-25 हेतु औसत गन्ना उत्पादन लागत 1,03,091 रुपये प्रति एकड़ का आकलन किया गया है।
चौधरी ने बताया कि इसी क्रम में प्रदेश में वर्तमान पराई सत्र 2024-25 के लिए औसत गन्ना उत्पादकता 340.49 क्विंटल प्रति एकड है। चौधरी ने बताया कि राज्य सरकार ने वर्तमान पेराई सत्र 2024-25 से गन्ने के राज्य परामर्शित मूल्य का निर्धारण किया है। इसके तहत अगेती प्रजातियों के लिए 370 रुपये प्रति क्विंटल, सामान्य प्रजातियों के लिए 360 रुपये प्रति क्विंटल और अनुपयुक्त प्रजातियों के लिए 355 रुपये प्रति क्विंटल का निर्धारण है। एक पूरक प्रश्न के उत्तर में चौधरी ने बताया कि गन्ना किसानों को पिछले सत्र का पूरा भुगतान कर दिया गया है और मौजूदा सत्र में 80 प्रतिशत से अधिक भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि ‘हमारी प्राथमिकता किसानों के हित को सर्वोपरि रखना है।’
एथेनॉल उत्पादन के लिए मक्के की बढ़ी डिमांड
केंद्र और राज्य सरकार ने पिछले कुछ सालों में एथेनॉल उत्पादन को काफी बढ़ावा दिया है। एथेनॉल का उत्पादन बढ़ाने के लिए गन्ने के साथ-साथ मक्के का इस्तेमाल भी बढ़ रहा है। मक्के की मांग बढ़ने से उसको अच्छा दाम भी मिल रहा है और इसलिए किसानों की भी मक्के की खेती में दिलचस्पी बढ़ रही है। गीडा स्थित आईजीएल के प्रयासों से आसपास के जनपदों के किसान एसके शुक्ल मक्का की खेती से जुड़ रहे हैं। आईजीएल के मक्का वृद्धि प्रोजेक्ट से जुड़े किसानों को सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं।
कृषि वैज्ञानिक डॉ. रामनिवास बगड़िया, क्षेत्रीय अधिकारी रोहित कुमार और आईजीएल के यशोवर्धन पाण्डेय फील्ड विजिट कर किसानों को जायद व मक्का की खेती के लिए प्रेरित कर रहे हैं। वरिष्ठ वैज्ञानिक परियोजना प्रभारी डॉ. शंकर लाल जाट ने बताया कि पूर्वांचल में मक्का की फसल से खरीफ, रबी व जायद में उत्पादन लिया जा सकता है। आईजीएल किसानों से मक्का सीधे न्यूनतम समर्थन मूल्य की दर पर खरीद करेगा। मक्का का इस्तेमाल डिस्टलरी में एथेनॉल बनाने में किया जाएगा। आईजीएल के बिज़नेस हेड और यूपीडीए अध्यक्ष एसके शुक्ल ने बताया कि हम डिस्टिलरी के नजदीकी क्षेत्र में मक्के की फसल की उत्पादन को बढ़ाने में जुटे हैं। इसके लिए निरंतर टीम किसानों से सम्पर्क कर रही है।
चीनी मिल और सोसायटी से मिलेगा गन्ना बीज
प्रदेश सरकार ने गन्ना किसानों के सामने बीज की समस्या को देखते हुए बड़ा एलान किया है। अब गन्ने की उन्नत किस्मों का बीज किसानों को अपने जिले की सोसायटी, चीनी मिल में भी मिल सकेगी। प्रदेश के गन्ना मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने 25 फरवरी को विधानसभा में इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जल्द ही इसको लेकर सरकार की तरफ से आधिकारिक आदेश भी जारी कर दिया जाएगा। गन्ना मंत्री ने बताया कि हाल ही में सरकार ने गन्ने की दो नई किस्मों 19231 और 17451 लॉन्च की है। ये दोनों गन्ने की अच्छी वैरायटी है। इसे ज्यादा से ज्यादा किसानों तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। सरकार अपने खर्च पर गन्ने की इन दोनों किस्मों के बीज को सोसायटी और मिलों तक पहुंचाएगी, जहां से आसानी से किसान इसे खरीद सकेंगे। अभी तक इसके लिए किसानों को दूर या बड़े शहरों में ही जाना पड़ता था।