भारत पेट्रोल के साथ एथेनॉल मिश्रण में उल्लेखनीय प्रगति कर रहा है। हाल ही में एथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) 2024-25 के दौरान दिसंबर 2024 में 18.2 प्रतिशत का उच्चतम एथेनॉल मिश्रण प्राप्त किया गया है। देश में जल्द ही 20 प्रतिशत मिश्रण को छूने की भी संभावना है। उद्योग, एथेनॉल क्षेत्र में अब तक की उपलब्धि के लिए सरकार की सराहना कर रहा है। त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक तरुण साहनी ने एक बातचीत में कहा कि सरकार ने प्रगतिशील नीतियों और पहलों के माध्यम से एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हाल के उपायों, जैसे कि गन्ना सिरप और बी-हैवी मोलासेस से एथेनॉल उत्पादन पर कैंप हटाने से दिसंबर 2024 में पेट्रोल में 18.2 प्रतिशत की उच्च्चतम एथेनॉल मिश्रण को प्राप्त करने में मदद मिली है।
इसके अतिरिक्त, ओपन मार्केट सेल स्कीम (ओएमएसएस) के तहत एफसीआई चावल के आरक्षित मूल्य को ₹550 प्रति क्विंटल घटाकर ₹2,250 करने का निर्णय भी 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण लक्ष्य के करीब पहुंचने में मदद करेगा। यह बताते हुए कि एथेनॉल कार्यक्रम ने उद्योग और किसानों की कैसे मदद की है, उन्होंने कहा, पिछले दशक के दौरान, ईबीपी कार्यक्रम ने 30 सितंबर, 2024 तक किसानों को लगभग ₹92,409 करोड़ का शीघ्र भुगतान करने में मदद की है। कार्यक्रम ने महत्वपूर्ण लाभ भी दिए हैं, जिसमें 1 लाख करोड़ से अधिक की विदेशी मुद्रा बचत और 557 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) की शुद्ध कार्बन डाइ ऑक्साइड कमी शामिल है। ये उपलब्धियाँ कार्यक्रम के दोहरे प्रभाव को रेखांकित करती हैं-पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देते हुए आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना। यह भी उम्मीद है कि पेट्रोल (ई-20) में 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण से किसानों को सालाना 35,000 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान हो सकता है।
उन्होंने कहा कि चूंकि देश ई-20 को प्राप्त करने के करीब है, इसलिए ई-20 से आगे
देखने के लिए पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को स्थापित करने की आवश्यकता है। लॉजिस्टिक बाधाओं को दूर करने और सुचारू आपूर्ति श्रृंखला संचालन सुनिश्चित करने के लिए भंडारण अवसंरचना, मल्टी
मॉडल परिवहन और मिश्रण सुविधाओं में तेज़ गति से निवेश की योजना बनाना अनिवार्य है। ई-20 के बाद के युग को देखते हुए, कृषि अवशेषों से 2जी एथेनॉल उत्पादन जैसी उन्नत तकनीकों को अपनाना अपशिष्ट को कम करने और यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि खाद्य फसलें विस्थापित न हों। उच्च एथेनॉल मिश्रणों में सक्षम फ्लेक्स फ्यूल वाहनों (एफएफवी) और हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों (एचईवी) को बढ़ावा देना हरित परिवहन और बढ़ी हुई ऊर्जा दक्षता में बदलाव का समर्थन करेगा। इसके अतिरिक्त, सरकार को अतिरिक्त एथेनॉल उत्पादन क्षमता बनाने के
लिए सब्सिडी को लक्षित करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ये निवेश सस्टेनेबल ऊर्जा विकास के दीर्घकालिक दृष्टिकोण को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण होंगे। सरकार ने ईएसवाई 2025-26 तक 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य रखा है और इस लक्ष्य को प्राप्त करने के प्रति आश्वस्त है। हालांकि, इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए लगभग 1,016 करोड़ लीटर एथेनॉल की आवश्यकता होगी, जो अन्य उपयोगों को ध्यान में रखते हुए कुल 1,350 करोड़ लीटर होगा। भारत ने इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश और बुनियादी ढांचे के विस्तार को भी देखा है। त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड (टीईआईएल) में, हमें अपने मजबूत एथेनॉल उत्पादन बुनियादी
ढांचे के माध्यम से भारत की ई-20 आकांक्षाओं में योगदान करने पर गर्व है। हमारी डिस्टिलरी विभिन्न फीडस्टॉक्स को संसाधित करने, लचीलापन बढ़ाने और निर्भरता के जोखिम को कम करने के लिए सुसज्जित हैं। हाल ही में, हरदीप सिंह पुरी ने मोबिलिटी में सह-ऊर्जा के विकास के लिए तीसरे अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में बोलते हुए कहा कि भारत संभवत अगले महीने 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण प्राप्त कर लेगा जो ईएसवाई 2025-26 के मूल लक्ष्य से पहले है। एथेनॉल मिश्रण के लिए जोर आयातित ईंधन पर निर्भरता को कम करने के सरकार के प्रयास का हिस्सा है।