नई दिल्ली :चीनी उद्योग ने केंद्र सरकार से चीनी के MSP में तत्काल संशोधन की मांग की है। सत्र 2024-25 के लिए गन्ने के एफआरपी को बढ़ाकर 340 रुपये प्रति क्विंटल करने के बाद अब चीनी के MSP में तत्काल संशोधन की आवश्यकता पर जोर दिया है। साथ ही चीनी निर्यात पर से प्रतिबंध हटाने और एथेनॉल की कीमत बढ़ाने की मांग भी तेज हो गई है। चीनी उद्योग ने दावा किया की, 2019 में आखिरी बार MSP में बढ़ोतरी की गई थी, लेकिन दूसरी ओर FRP में 5 बार बढ़ोतरी हुई है। उत्पादन लागत के आधार पर चीनी MSP 39 रुपये प्रति किलो से ज्यादा करने की मांग की जा रही है, जो अभी 31 रुपये है।
साउथ इंडिया शुगर मिल असोसिएशन (SISMA) के अध्यक्ष विजेंद्र सिंह (Vijendra Singh) ने कहा की, FRP में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन MSP में बढ़ोतरी नहीं हुई है। चीनी मिलों के सामने किसानों का भुगतान करने में दिक्कते आ रही है, और इसलिए हम सरकार से MSP बढ़ोतरी करने की मांग कर रहे है। चीनी की कीमत कम हुई है, वहीं दूसरी तरफ गन्ने का मूल्य बढ़ गया है। विजेंद्र सिंह ने कहा, हमे किसानों की समस्या का समाधान करना पड़ेगा, क्योंकि मिलों को भुगतान करने में समस्या आ रही है। साथ ही महंगाई बढ़ी है, लेकिन फिर भी चीनी की कीमत नही बढ़ी है।
उन्होंने कहा, चीनी की उत्पादन लागत 40 रूपये के आसपास आ रही है, और हम वर्तमान में 35 रुपये के आसपास चीनी बेच रहे है। इसलिए हम MSP बढ़ाने की मांग कर रहे है। अगर MSP बढ़ती है, तो हम किसान का गन्ना मूल्य भुगतान समय पर कर सकेंगे। उन्होंने कहा, चीनी का कीमत गन्ने की कीमत के हिसाब से बढ़नी चाहिए। उन्होंने कहा, गन्ने का रेट बढ़ते जा रहा है, तो चीनी के रेट कैसे कंट्रोल कर सकते है। चीन उद्योग को आर्थिक संकट से बचाने के लिए MSP में बढ़ोतरी जरुरी है।
गन्ना मूल्य पिछले दो सालों में 12 प्रतिशत से जादा बढ़ा है, तो वहीं एथेनॉल का मूल्य नहीं बढाया गया है।गन्ने की कीमत बढती है, तो उत्पादन लागत में बढ़ोतरी होती है।हम सरकार से मागं कर रहे है की, जितना गन्ना मूल्य बढाया है, उतना ही एथेनॉल का मूल्य बढाया जाये।वर्तमान में एथेनॉल का मूल्य 71 से 72 रुपये लीटर करना चाहिये।