मक्का भोजन के अलावा हरित ईंधन के उत्पादन में अब अधिक उपभोग होगा। देश में एथेनॉल के सबसे बड़े उत्पादक राज्य अपने इस प्रदेश में इस हरित ईंधन का उत्पादन बढ़ाने के लिए इस बार के खरीफ सत्र में मक्के का रकबा बढ़ाकर 41.09 लाख हेक्टेयर तय किया गया है जबकि पिछले साल यहां मक्के का रकबा 30.22 लाख हेक्टेयर था। एथेनॉल पेट्रोल में मिलाकर वाहनों के ईंधन के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। प्रदेश में वैसे अब तक गन्ने के रस, गन्ने के रस से बने बी हैवी शीरे से ही एथेनॉल बनता रहा है। मगर हाल ही में मक्के से भी एथेनॉल उत्पादन की शुरुआत हुई। मक्के की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए केन्द्र व प्रदेश सरकार ने कई कदम उठाए हैं उनमें से एक मक्के का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा कर 2225 रुपये प्रति कुंतल किया जाना भी है।
मक्के से एथेनाल बनाने से किसानों को अच्छे दाम मिलने से उन्हें भी अब मक्के की खेती रास आ रही है। मगर मक्के की खेती को प्रोत्साहन देने से गन्ने की खेती प्रभावित होने लगी है। इस बार के खरीफ सत्र में मक्के का रकबा जिस अनुपात में बढ़ा उसके मुकाबले गन्ने के रकबे में बहुत मामूली बढ़ोत्तरी हुई। इस बार प्रदेश में गन्नेका रकबा 56.88 लाख हेक्टेयर तय हुआ है जबकि पिछले साल यह रकबा 55.45 लाख हेक्टेयर था।
एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2027-28 तक उत्पादन को 3.2 मिलियन टन से अधिक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। उत्तर प्रदेश की योजना मक्के का रकबा 200,000 हेक्टेयर बढ़ाने और उत्पादन अतिरिक्त 1.1 मिलियन टन बढ़ाने की है। इससे राज्य का मक्का क्षेत्र और उत्पादन क्रमशः 1.03 मिलियन हेक्टेयर और 3.2 मिलियन टन तक बढ़ जाएगा। मजबूत मक्का उत्पादन इसी तरह जनपद सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, मेरठ, बागपत, हापुड़, गाजियाबाद, बुलन्दशहर, अलीगढ़, मथुरा व बिजनौर के किसानों को मुजफ्फरनगर संस्थान पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जनपद में स्थित गन्ना विकास परिषदों की ओर से कृषकों का चयन कर प्रशिक्षण के लिए भेजा जाता है। प्रशिक्षण के लिए इच्छुक कृषक स्वयं संबंधित गन्ना विकास परिषद से संपर्क कर प्रशिक्षण में भाग ले सकते हैं। प्रथम चक्र में प्रदेश के 50 हजार किसानों को प्रशिक्षित किये जाने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि किसानों के लिए यह प्रशिक्षण पूर्णतया निशुल्क है। प्रशिक्षण का संपूर्ण खर्च गन्ना विकास विभाग की ओर से वहन किया जा रहा है।
और डाउन स्ट्रीम मूल्य श्रृंखला के साथ, सरकार राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना और अपने प्रमुख ट्रिलियन- डॉलर अर्थव्यवस्था बनाना चाहती है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट में किसानों को अतिरिक्त लाभ प्रदान कर और विशेष सत्र आयोजित कर 75 जिलों में इसकी खेती को बढ़ावा देने के लिए मक्का विकास कार्यक्रम को मंजूरी दी। राज्य
विभिन्न मक्का प्रचार कार्यक्रमों पर लगभग 150 करोड़ रुपयेका निवेश करेगा और खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को प्रोत्साहन देगा। मक्के से एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के तहत तेल विपणन कंपनियों ने अनाज से प्राप्त एथेनॉल के लिए 5.79 रुपये प्रति लीटर के अतिरिक्त प्रोत्साहन की घोषणा की थी।