भारत सरकार के खाद्या एका सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव और आईएसओ के अध्यक्ष संजीव चोपड़ा ने बताया कि भारत और ब्राजील दोनों शीर्ष चीनी उत्पादक देश हैं, इसलिए स्थानीय परिस्थितियों के अनुकूल उच्च्च उपज और सुक्रोज सामग्री वाली उन्नत किस्मों को विकसित करने के लिए गन्ना अनुसंधान और विकास में सहयोगात्मक और समन्वित प्रयास किए जाने चाहिए। सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा कि जलवायु परिवर्तन सभी आईएसओ सदस्यों के साथ- साथ चीनी और एथेनॉल उद्योग पर दुनिया को नेट जीरो की ओर ले जाने में योगदान देने की एक बड़ी जिम्मेदारी डालता है। उन्होंने कहा कि इसे प्राप्त करने के लिए, चीनी और एथेनॉल क्षेत्र को तीन बहुआयामी रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। गन्ने की सूखा- प्रतिरोधी या कम पानी की खपत वाली किस्मों का विकास करना, चीनी उत्पादन में जल संरक्षण को लागू करना और दुनियाको जीवाश्म ईंधन से जैव ईंधन में बदलना।
नेट जीरो की जिम्मेदारी है चीनी उद्योग पर
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