Sunday, September 8, 2024
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ugarcane Farming : यूपी में छोटे गन्ना किसानों पर फोकस, 10 लाख से ज्यादा छोटे किसानों को जारी हुई गन्ना पर्ची

यूपी में योगी सरकार का दावा है कि गन्ना खरीद में पीछे छूट रहे छोटे किसानों को प्राथमिकता के आधार पर गन्ना पर्ची दी जा रही है. इसका नतीजा है कि इस सीजन में प्रदेश के 10.74 लाख छोटे गन्ना किसानों को अब तक लगभग 19.20 लाख एसएमएस गन्ना पर्चियां जारी की जा चुकी हैं. सरकार की मानें तो छोटे किसानों को मिलने वाली सुविधा से गन्ने की समय से चीनी मिलों को आपूर्ति सुनिश्चित हो सकी है|

यूपी सरकार के गन्ना विभाग की ओर से बताया गया कि चीनी मिलों को समय से गन्ना की आपूर्ति होने के कारण प्रदेश में अब तक 17 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है. गन्ना की आपूर्ति सुचारु होने में छोटे किसानों को प्राथमिकता के आधार पर गन्ना पर्ची जारी करना, प्रमुख कारण है. विभाग के मुताबिक गन्ना पेराई सत्र 2023-24 के दौरान 72 कुंतल उत्पादन वाले गन्ना किसान को ‘छोटे कृषक’ की श्रेणी में रखा गया है. विभाग के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में गन्ना उत्पादन वाले 45 जिलों में 46 लाख गन्ना किसान हैं. इनमें से 10.74 लाख छोटे गन्ना किसान के रूप में पंजीकृत हैं. इनमें सीतापुर, कुशीनगर एवं लखीमपुर जिलों में सर्वाधिक तथा कासगंज, बदायूं एवं देवरिया में सबसे कम, छोटे गन्ना किसान पंजीकृत हैं. मौजूदा प्रक्रिया के तहत छोटे गन्ना किसानों को चीनी मिल चलने के तीसरे पखवाड़े के भीतर गन्ना आपूर्ति का अवसर मिलता है|

नीति में किया बदलाव

गन्ना विकास विभाग की ओर से बताया गया कि सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर चालू पेराई सत्र 2023-24 से छोटे गन्ना किसानों को प्राथमिकता देने के लिए ‘गन्ना सट्टा एवं आपूर्ति नीति’ में व्यापक बदलाव किया गया है. इसके तहत 10.74 लाख पंजीकृत छोटे किसानों को गन्ना आपूर्ति में प्राथमिकता दी गई है. आपूर्ति में छोटे किसानों की उपज का दायरा भी 60 कुंतल से बढ़ाकर 72 कुंतल कर दिया गया है.

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गन्ना किसान हुए स्मार्ट

विभाग की का दावा है कि गन्ना खरीद की प्रक्रिया को तकनीक की मदद से ‘स्मार्ट गन्ना किसान व्यवस्था’ लागू की गई है. इसकी मदद से किसानों के गन्ने की आपूर्ति चीनी मिलों को सही समय पर होने लगी है. स्मार्ट गन्ना किसान प्रोजेक्ट के तहत सहकारी गन्ना समितियों द्वारा पर्ची जारी करने सहित अन्य कामों में पारदर्शिता लाने के लिए पूरी व्यवस्था का Digitization किया गया है.

यह व्यवस्था किसानों के लिए भी बेहतर साबित हो रही है. इसका प्रमाण, गन्ना किसानों द्वारा www.caneup.in पोर्टल के मार्फत ऑनलाइन सेवाओं का भरपूर लाभ लिया जा रहा है. इसके अलावा गन्ना किसानों के लिए ‘E-Ganna App’ भी जारी किया गया है. इसे 47.90 लाख मोबाइल फोन में डाउनलोड किया जा चुका है|

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चीनी उत्पादन का ये है हाल

विभाग द्वारा बताया गया कि चालू पेराई सत्र में 120 चीनी मिलों द्वारा चीनी उत्पादन किया जा रहा है. इस सत्र में अब तक गन्ने की अब तक 193.31 लाख टन पेराई हो चुकी है. इससे अब तक 17.66 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है|

विभाग का दावा है कि छोटे गन्ना किसानों को प्राथमिकता देने के कारण गन्ना पेराई और चीनी उत्पादन की व्यवस्था सुचारू हुई है. मौजूदा सट्टा नीति के तहत छोटे गन्ना किसानों को चीनी मिल चलने के 45 दिन के भीतर पेड़ी गन्ना और 01 फरवरी से 45 दिन के भीतर पौधा गन्ना के लिये पर्ची देने का प्रावधान भी किया गया है|

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