सोनीपत। कामी रोड स्थित सहकारी चीनी मिल में मंगलवार को 18 घंटे बाद गन्ना पेराई शुरू हो पाई। उसके बावजूद रफ्तार कम होने की वजह से शाम छह बजे तक 2188 क्विंटल गन्ना पेराई हो सका। यार्ड में 27020 क्विंटल गन्ना पहुंचा हुआ है। किसानों को गन्ना कटाई व छिलाई के लिए मजदूरों की कमी झेलनी पड़ रही है। इसकी वजह से गन्ना मिल में समय पर नहीं पहुंच पा रहा है। मिल प्रशासन ने दो बार इंडेंट जारी करके 80 हजार क्विंटल गन्ना मंगाया था, उसके बाद भी मिल में 30 फीसदी गन्ने की आवक हो सकी। सहकारी चीनी मिल में सोमवार को सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने पेराई सत्र का शुभारंभ किया था। उस दौरान मंत्री ने किसानों को मिल में ज्यादा से ज्यादा गन्ना पहुंचाने की अपील की थी। मंत्री के पेराई सत्र का शुभारंभ करने के बाद मशीन को बंद कर दिया था। अधिकारियों ने मिल में क्षमता के मुताबिक गन्ने की आवक कम होने की बात कही थी। करीब 18 घंटे बाद मंगलवार सुबह सात बजे मिल में गन्ना पेराई शुरू हो सकी, लेकिन रफ्तार धीमी होने की वजह से 11 घंटे में 2188 क्विंटल गन्ने की पेराई की जा सकी।
सहकारी चीनी मिल में रोजाना पेराई के लिए 22 हजार क्विंटल गन्ने की आवश्यकता होती है। चीनी मिल में पर्याप्त मात्रा में गन्ना नहीं पहुंच पा रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण किसानों के पास मजदूर की कमी होना है। जिसकी वजह से गन्ना कटाई व छिलाई में देरी होने से किसान समय पर गन्ना मिल में नहीं ला पा रहे हैं। किसान मिल प्रशासन को अपनी पर्चियां वापस कर रहे हैं।
चीनी मिल में गन्ना पेराई शुरू कर दी गई है। शुरुआत में मशीन की रफ्तार धीमी है। 24 से 48 घंटे में रफ्तार बढ़ाई जा सकेगी। किसानों से अपील है कि वह मजदूरों का प्रबंध करके खेतों में गन्ने की कटाई व छिलाई कराए। जिससे किसानों को पर्ची जारी होने के बाद चीनी मिल में गन्ना पहुंचाने में परेशानी न आए।
– राकेश कुमार, गन्ना प्रबंधक, सहकारी चीनी मिल