ब्राजील ने डब्ल्यूटीओ (विश्व व्यापार संगठन) में दोनों देशों के बीच चीनी संबंधी विवाद को सुलझाने की कोशिशों के तहत भारत के साथ अपनी इथेनॉल उत्पादन टेक्नोलॉजी साझा करने की पेशकश की है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है।
दक्षिण अमेरिकी राष्ट्र ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि इथेनॉल उत्पादन तकनीक भारत को इथेनॉल बनाने में सरप्लस (अधिशेष) चीनी का इस्तेमाल करने में मदद करेगी। यह प्रस्ताव भारत को अपने अतिरिक्त चीनी उत्पादन का इस्तेमाल करने और अंतरराष्ट्रीय चीनी बाजार में ब्राजील के लिए प्रतिस्पर्धा को कम करने में मदद कर सकता है।
ब्राजील दुनिया में गन्ना और इथेनॉल का सबसे बड़ा उत्पादक है। यह इथेनॉल उत्पादन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली टेक्नोलॉजी में सबसे आगे है। यह दुनिया में चीनी का सबसे बड़ा निर्यातक भी है। भारत चीनी का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है।
इस प्रस्ताव से भारत को फायदा हो सकता है क्योंकि इसका लक्ष्य पेट्रोलियम ऑटो ईंधन में इथेनॉल के मिश्रण का प्रतिशत धीरे-धीरे बढ़ाना और आयातित कच्चे तेल पर निर्भरता कम करना है।
अधिकारी ने बताया, “ब्राजील के पास एक फ्लेक्स टेक्नोलॉजी है। वे इथेनॉल मिश्रण करते हैं। यह टेक्नोलॉजी भारत के लिए भी अच्छी है। ब्राजील ने तर्क दिया है कि भारत इथेनॉल उत्पादन के लिए अपनी सरप्लस चीनी का इस्तेमाल कर सकता है और इसके जरिए भारत अपने ईंधन मुद्दे से भी निपट सकता है। इससे सरप्लस चीनी वैश्विक बाजारों में नहीं जाएगी और वैश्विक कीमतों पर असर नहीं डालेगी।
अधिकारी ने कहा, “उन्होंने एक प्रस्ताव दिया है। चर्चा हो रही है।”
इथेनॉल का इस्तेमाल वाहनों को पावर देने के लिए तेल के साथ मिश्रण करने के लिए किया जाता है। गन्ने के साथ-साथ टूटे हुए चावल और अन्य कृषि उपज से निकाले गए इथेनॉल के उपयोग से, दुनिया के तीसरे सबसे बड़े तेल उपभोक्ता और आयातक देश को विदेशी शिपमेंट पर अपनी निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी। साथ ही, यह कार्बन उत्सर्जन में भी कटौती करता है।
भारत अपनी 85 प्रतिशत तेल जरूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है। 2025 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य है।
2019 में, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया और ग्वाटेमाला ने भारत को डब्ल्यूटीओ के विवाद निपटान तंत्र में घसीटा और आरोप लगाया कि गन्ना किसानों को उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) जैसे नई दिल्ली के समर्थन उपाय वैश्विक व्यापार नियमों के साथ मेल नहीं खाते हैं।
14 दिसंबर, 2021 को डब्ल्यूटीओ विवाद निपटान पैनल ने फैसला सुनाया कि चीनी क्षेत्र के लिए भारत के समर्थन उपाय वैश्विक व्यापार मानदंडों के साथ असंगत हैं।
जनवरी 2022 में, भारत ने डब्ल्यूटीओ के अपीलीय निकाय में पैनल के फैसले के खिलाफ अपील की। यह निकाय ऐसे विवादों के खिलाफ फैसले पारित करने की अंतिम अथॉरिटी है। हालांकि, निकाय के सदस्यों की नियुक्तियों पर देशों के बीच मतभेद के कारण यह अपीलीय निकाय काम नहीं कर रहा है।
अपीलीय निकाय के पास पहले से ही कई विवाद लंबित पड़े हैं। अमेरिका सदस्यों की नियुक्ति में बाधा डालता रहा है।
भारत और ब्राजील के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2022-23 में बढ़कर 16.6 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया। जबकि 2021-22 में यह 12.2 अरब अमेरिकी डॉलर था। यह व्यापार अंतर भारत के पक्ष में है।
रिपोर्टों के अनुसार, ब्राजील इथेनॉल-मिश्रित गैसोलीन में अग्रणी है और उसने 25 प्रतिशत सम्मिश्रण स्तर हासिल कर लिया है।
फ्लेक्स-फ्यूल वाहन गैसोलीन या इथेनॉल पर चल सकते हैं। ऐसे वाहनों ने ब्राजील में एक बड़े बाजार पर कब्जा कर लिया है। जो 2022 में नए हल्के वाहन की बिक्री का 80 प्रतिशत से ज्यादा थे।