बुलंदशहर : भारतीय मक्का अनुसंधान परिषद ने जिले के चार ब्लॉक में मक्के की खेती को बढ़ावा दिया है, साथ ही किसानों को धान की बजाय मक्के की खेती के लिए जागरूक किया जा रहा है। इस पहल का उद्देश एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देकर किसानों की आय में बढ़ोतरी करना है। केंद्र और राज्य सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रयास कर रही है, और मक्के की खेती को बढ़ावा उसी पहल का हिस्सा माना जा रहा है। पिछले कुछ सालों में राज्य सरकार ने प्रदेश में एथेनॉल उत्पादन बढ़ाने के लिए काफी प्रयास किये है।
अमर उजाला में प्रकाशित खबर के अनुसार, कृषि विभाग के सहयोग से भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान द्वारा एथेनॉल उद्योगों के कैचमेंट क्षेत्र में मक्का उत्पादन वृद्धि परियोजना के तहत जिले के ब्लॉक खुर्जा, पहासू, शिकारपुर व स्याना क्षेत्र में संकर प्रजाति की खेती कराई जा रही है। मक्के की खेती के लिए किसानों को बीज और खरपतवार नाशक दवाएं निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही हैं। भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान के शोधकर्ता तुषार यादव ने बताया कि किसानों को संकर मक्का प्रजाति पी-1899 बीज निशुल्क उपलब्ध कराया गया है। किसानों को मक्का की सिंचाई, पोषक तत्व प्रबंधन, खरपतवार नियंत्रण और कटाई उपरांत मक्का प्रसंस्करण तकनीकों के बारे में लगातार जानकारी दी जा रही है।
जिला कृषि अधिकारी रामकुमार यादव ने बताया की, जिले में इस पहल से किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। उन्हें मक्का बिक्री के लिए डिस्टिलरी उद्योगों से सीधे जोड़ा जा रहा है, इससे बिचौलियों और दलालों की भूमिका समाप्त होगी। मक्का उत्पादन के क्षेत्र में भविष्य के लिए एक बड़ा अवसर मिलेगा। इसकी खेती से और भी ब्लॉकों के किसानों को जोड़ा जाएगा, ताकि उनकी भी आय में इजाफा हो सके।