पटना : बिहार का चीनी उद्योग जल्द ही दुनियाभर में अपने नाम का परचम लहराने की संभावना बनी है, क्योंकि भारत का पहला और विश्व का पांचवां इंटरनेशनल गन्ना रिसर्च सेंटर बिहार के समस्तीपुर जिले में खुलने जा रहा है। डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा स्थित ईख अनुसंधान केंद्र ने इस परियोजना की डिटेल रिपोर्ट गन्ना उद्योग विभाग को सौंप दी है। आपको बता दे की, पिछले कुछ सालों से राज्य सरकार ने चीनी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए हर मुमकिन कोशिश की है। साथ ही एथेनॉल को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। अगले कुछ सालों में प्रदेश एथेनॉल उत्पादन का हब बन सकता है।
संभावित गन्ना रिसर्च सेंटर को ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ का दर्जा देने की तैयारी भी चल रही है। इस सेंटर से गन्ना किसानों को अपडेटेड तकनीक, उच्च दर्जा के बीज और नवीनतम शोध की जानकारी मिल सकेगी। इस प्रोजेक्ट को लेकर विभागीय स्तर पर पहली मीटिंग भी पूरी हो चुकी है। यहां विश्वस्तरीय रिसर्च होगा और दुनियाभर के किसान यहां ट्रेनिंग लेने आएंगे। इंटरनेशनल लेवल पर अब तक केवल चार देशों में गन्ना अनुसंधान के इस तरह के केंद्र है। दक्षिण अफ्रीका के एसएएसआरआई, चीन के गुआंगजी गन्ना उद्योग अनुसंधान संस्थान, तंजानिया के किबाहा गन्ना अनुसंधान संस्थान और बांग्लादेश के ईशुर्दी स्थित गन्ना अनुसंधान संस्थान। ऐसे में बिहार का समस्तीपुर (पूसा) विश्व का पांचवां अंतरराष्ट्रीय गन्ना अनुसंधान केंद्र होगा।