सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 19 दिसम्बर को चीनी उद्योग से एथेनॉल-डीजल मिश्रण और ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन सहित विविधीकरण के लिए कई रास्ते तलाशने का आह्वान किया है। भारतीय चीनी और जैव-ऊर्जा निर्माता संघ (इस्मा) की वार्षिक आम बैठक को वर्चुअली संबोधित करते हुए, मंत्री ने निजी क्षेत्र की भागीदारी सहित एथेनॉल और सीएनजी पंप स्थापित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया है।
जीवाश्म ईंधन के विकल्प के रूप में फ्लेक्स इंजन, एथेनॉल-आधारित इंजन और बायो-सीएनजी की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि टाटा, सुजुकी और टोयोटा सहित पांच वाहन निर्माता बाजार में फ्लेक्स इंजन ईंधन वाली कारें लॉन्च करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने ट्रैक्टर निर्माताओं से वैकल्पिक ईंधन से चलने वाले ट्रैक्टर बनाने का आग्रह भी किया है।
मंत्री ने बाजार के अवसरों का विस्तार करने के लिए बांग्लादेश, भूटान, नेपाल और श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों को एथेनॉल निर्यात करने की संभावनाओं का पता लगाने का सुझाव दिया। इस दौरान लिग्निन और बायोमास स्रोतों का उपयोग करके बायो-बिटुमेन उत्पादन, साथ ही चीनी उद्योग के बुनियादी ढांचे से हरित हाइड्रोजन उत्पादन को विस्तार के संभावित क्षेत्रों के रूप में रेखांकित किया गया।
गडकरी ने वैकल्पिक ईंधन स्रोत के रूप में हरित हाइड्रोजन की क्षमता पर जोर दिया और चीनी और एथेनॉल उद्योगों में मौजूदा बुनियादी ढांचे का उपयोग करके हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा, मुझे पता है कि चीनी बनाना आकर्षक काम नहीं है, लेकिन साथ ही, एथेनॉल, सीएनजी, हाइड्रोजन और अन्य उप-उत्पादों के कारण उत्पादकता और लाभप्रदता बढ़ा सकते हैं। मंत्री ने कहा, चीनी उद्योग को नैनो-उर्वरक और ड्रोन छिड़काव जैसी आधुनिक तकनीकों के माध्यम से गन्ना उत्पादकता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। गडकरी ने कहा कि सरकार चीनी निर्यात और न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) के लिए उद्योग के अनुरोध पर भी विचार करेगी।