भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) प्रयागराज के शोधकर्ताओं ने एक अत्याधुनिक कीटनाशक छिड़काव ड्रोन विकसित किया है, जो फसलों की प्रकृति और जरूरत के अनुसार कीटनाशकों का स्वतः छिड़काव करेगा। नियंत्रित छिड़काव से जहां कीटनाशकों का दुष्प्रभाव कम किया जा सकेगा, वहीं यह समय और श्रम की बचत करेगा। साथ ही पर्यावरण संरक्षण और किसानों की आय बढ़ाने में भी बड़ी भूमिका निभाएगा। इस अभिनव तकनीक को हाल ही में भारत सरकार के
पेटेंट कार्यालय से पेटेंट भी प्रदान किया गया है।
IIT के अप्लाइड साइंस विभाग के प्रो. प्रीतिश भारद्वाज के निर्देशन में शोध छात्र पवन कुमार, कुमार, शैफाली रामटेके और IIT के इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट के सुनील यादव ने स्मार्ट ड्रोन का विकास किया है। आधुनिक सेंसर और प्रोग्रामिंग तकनीकों से लैस यह डिवाइस फसल की जरूरतों के अनुसार कीटनाशकों की सही मात्रा और छिड़काव के पैटर्न को स्वतः समायोजित करता है। प्रो. प्रीतीश भारद्वाज ने बताया कि पारंपरिक छिड़काव विधियों में अधिक मात्रा में कीटनाशकों का
उपयोग होता था, जिससे न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचता था, बल्कि उत्पादन लागत भी बढ़ जाती थी। यह ड्रोन फसल के प्रकार और क्षेत्र की जरूरत के अनुसार कीटनाशकों की मात्रा को नियंत्रित करता है। सुनील यादव के अनुसार स्मार्ट ड्रोन, नियंत्रित और आवश्यक मात्रा में कीटनाशकों का छिड़काव करता है, जिससे कीटनाशकों के कारण कैंसर जैसे गंभीर रोगों के खतरे को कम किया जा सकता है। इसके साथ ही यह उत्पादन को बढ़ाने, लागत कम करने और खेती को अधिक सतत् और पर्यावरण अनुकूल बनाने में सहायक होगा। -मृत्युंजय मित्र (जागरण)