कुरुक्षेत्र/ शाहबाद। शाहबाद शुगर मिल के लिए अच्छी गुणवत्ता का गन्ना पैदा करके किसान सराहनीय योगदान दे रहे हैं। यह शुगर मिल भी किसानों की सेवा करने का काम कर रही है। इस वर्ष 62 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह कहना है हरियाणा राज्य सहकारी चीनी मिल प्रसंग लिमिटेड पंचकूला के प्रबंधक निदेशक कैप्टन शक्ति सिंह का। वे मंगलवार को देर सायं शाहाबाद सहकारी शुगर मिल के पेराई सत्र का शुभारंभ कार्यक्रम में बोल रहे थे। इससे पहले एमडी कैप्टन शक्ति सिंह, शुगर फैड के चेयरमैन धर्मवीर सिंह डागर, भाजपा नेता सुभाष कलसाना, शाहाबाद शुगर मिल के एमडी वीरेंद्र चौधरी, निदेशक बलदेव कल्याण ने शुगर मिल की मशीन में गन्ना डालकर और मंत्रोच्चार के बीच विधिवत रूप से शुगर मिल के पेराई सत्र 2024-25 का शुभारंभ किया। इस दौरान प्रबंधक निदेशक कैप्टन शक्ति सिंह ने सबसे पहले गन्ना लाने वाले और पिछले सत्र में सबसे ज्यादा गन्ना शुगर मिल में लाने वाले किसानों को सम्मानित किया।
उन्होंने कहा कि मिल के पेराई सत्र 2024-25 में 62 लाख क्विंटल गन्ना पेराई करने, 10.50 प्रतिशत चीनी रिकवरी व 6.51 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन तथा 7.15 करोड़ यूनिट का उत्पादन करके 15.17 करोड़ रुपये की बिजली बेचने का लक्ष्य रखा गया है। सहकारिता क्षेत्र में इस मिल की गिनती भारत की सर्वोत्तम चीनी मिलों में होती है। यह मिल अब तक 29 बार राष्ट्रीय स्तर पर तकनीकी दक्षता, वित्तीय प्रबंधन व गन्ना विकास में अवाॅर्ड जीत चुकी है तथा मिल द्वारा पांच बार राज्य स्तर पर भी पुरस्कार प्राप्त किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2020-21 में चीनी मिल में 60 केएलपीडी इथेनॉल प्लांट स्थापित किया गया है तथा इस इथेनॉल प्लांट में इथेनॉल का उत्पादन शुरू हो गया है। बाजार में बढ़ती पेट्रोल की कीमतों को नियंत्रण करने में इथनॉल प्लांट मददगार साबित होगा तथा मिल के आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी सहायक सिद्ध होगा। मिल की वित्तीय स्थिति सुदृढ़ होने पर गन्ना काश्तकारों का गन्ने का भुगतान समय पर किया जाएगा।
पेराई सत्र 2023-24 में मिल द्वारा 60.54 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई, 10.27 प्रतिशत रिकवरी व 6.22 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया गया था तथा 5.76 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन करके 14.81 करोड़ रुपये की बिजली हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम को बेची गई। मिल द्वारा पेराई सत्र 2023-24 के गन्ने की खरीद का पूरा भुगतान किसानों को पूर्व वर्षों की भांति समय पर किया जा चुका है।