सरकार ने 29 जुलाई को कहा कि डीजल के साथ एथेनॉल का मिश्रण अभी प्रायोगिक चरण में है और फिलहाल इसे अनिवार्य करने की कोई योजना नहीं है, क्योंकि शुरुआती परीक्षणों में ईंधन टैंकों में जमाव और अन्य प्रतिकूलताएं दिखाई दी हैं। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने डीजल के साथ एथेनॉल के मिश्रण को अनिवार्य करने की योजना के बारे में राज्यसभा में कहा कि डीजल के साथ एथेनॉल के मिश्रण का मुद्दा अभी भी प्रायोगिक चरण में है और मैं स्पष्ट रूप से कह सकता हूं कि फिलहाल इसे अनिवार्य करने की कोई योजना नहीं है। इसका कारण यह है कि तेल विपणन कंपनियों ने ‘ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया और चुनिंदा मूल उपकरण निर्माताओं के साथ मिलकर डीजल में 7 प्रतिशत तक एथेनॉल का परीक्षण किया है। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक परीक्षणों से पता चला है कि 5 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण से फ्लैशपॉइंट 15 डिग्री सेल्सियस तक घट जाएगा और हमें सामग्री की अनुकूलता की आवश्यकता है। साथ ही, ईंधन की स्थिरता और ऑक्सीकरण स्थिरता भी आवश्यक है। इसके अलावा कई अन्य प्रभाव होंगे।
एथेनॉल की कीमतें बढ़ाने के लिए बनी समिति
सहकारिता मंत्री अमित शाह ने भी कहा था कि वे एथेनॉल प्रोडक्शन के लिए गन्ने का विकल्प तलाशें, ताकि उत्पादन को बढ़ाया जा सके। सरकार नए सीजन के लिए एथेनॉल की कीमतें बढ़ाने पर विचार भी कर रही है, जो नवंबर 2024 से शुरू होगा। पीटीआई के मुताबिक सरकार का इरादा 2025- 26 तक 20 फीसदी ब्लेडिंग टारगेट हासिल करने का है। इसके लिए एथेनॉल बनाने के लिए गन्ने के अलावा दूसरी चीजों का इस्तेमाल बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। एथेनॉल की कीमतें बढ़ाने के लिए पेट्रोलियम मिनिस्ट्री के ज्वाइंट सेक्रेटरी की अगुआई में एक कमेटी बनाई गई है। यह प्रस्तावों पर चर्चा के लिए पहले ही एक दौर की चर्चा कर चुकी है। एथेनॉल की कीमतों में संशोधन गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य पर आधारित होगा। इसका मकसद एथेनॉल के उत्पादन को बढ़ावा देना है। सरकार ने 2022-23 सीजन (नवंबर-अक्टूबर) से इथेनॉल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है। फिलहाल, गन्ने के रस बनने वाला एथेनॉल 65.61 रुपये प्रति लीटर है। वहीं, बी-हैवी और सी-हैवी मोलासेस वाले एथेनॉल की दरें क्रमशः 60.73 रुपये और 56.28 रुपये प्रति लीटर हैं।