गोदावरी बायो रिफाइनरीज लिमिटेड के सीएमडी समीर सोमैया ने 64वीं आईएसओ परिषद में बोलते हुए कहा कि पांच या छह साल पहले जब हम शायद 2 प्रतिशत की सीमा में काम कर रहे थे, तब हमारे 20 प्रतिशत मिश्रण लक्ष्य को लेकर दुनिया ने सोचा कि यह पागलपन है और लक्ष्य निश्चित रूप से संभव नहीं है। लेकिन एक महीने पहले हमने 15 प्रतिशत मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लिया है।
उन्होंने कहा कि 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, आधा हिस्सा गने से और आधा अनाज से आएगा। हम अब बोल्ट-इन मिलें बना रहे हैं, जिसका मतलब है कि हम उन्हीं मिलों में अनाज का भी इस्तेमाल करेंगे, जहां हम गन्ना इस्तेमाल करते हैं। मुझे लगता है कि जैसे-जैसे हम आगे बढ़ेंगे अन्य फसलों पर पर हम काम कर सकते हैं। मेरी अपनी कंपनी ट्रॉपिकल शुगर बीट पर काम कर रही है।
भारत में केवल 4 प्रतिशत है मशीनीकरण
डीसीएम श्रीराम लिमिटेड के सीईओ रोशन लाल टमक ने 64वीं आईएसओ परिषद की बैठक में कृषि उत्पादकता बढ़ाने में प्रौद्योगिकी और नवाचार की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए ‘गन्ने की खेती में आसानीः मशीनीकरण और आधुनिकीकरण’ पर प्रकाश डाला। यांत्रिक कटाई की स्थिति पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में 100 प्रतिशत मशीनीकरण है, ब्राजील में 80 प्रतिशत मशीनीकरण है. थाईलैंड में 35 प्रतिशत मशीनीकरण है, लेकिन भारत में यह केवल 4 प्रतिशत के आसपास है। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि भारत में 2019 से 2024 तक यांत्रिक कटाई में 311 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। यह अद्भुत उपलब्धि है।
सालाना 1 मिलियन टन ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करने की है क्षमता
आईएसओ के वरिष्ठ सलाहकार ने आईएसओ परिषद की बैठक में ‘ग्रीन हाइड्रोजनः संभावनाएं और चुनौतियां’ नौतियां’ पर चर्चा में अपनी विशेषज्ञता और दूरदर्शी दृष्टिकोण को सबसे आगे रखा। उन्होंने ऊर्जा के स्रोत के रूप में हाइड्रोजन की क्षमता और इस क्षेत्र में चीनी क्षेत्र की भूमिका पर अपना दृष्टिकोण साझा किया। वे ऑटोमोबाइल क्षेत्र के साथ-साथ बिजली क्षेत्र के लिए ईंधन के प्रमुख स्रोत के रूप में ग्रीन हाइड्रोजन के विकास को लेकर आशावादी है। जॉली ने हाइड्रोजन को ऊर्जा उद्योग के स्विस आर्मी नाइफ और 2050 तक नेट जीरो कार्बन डाई ऑक्साइड हासिल करने में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उजागर किया। सालाना 1 लिंडसे जॉली मिलियन टन ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करने की क्षमता के चलते आईएसओ के वरिष्ठ सलाहकार ने भारत के चीनी उद्योग की सराहना की। उन्होंने स्वच्छ हाइड्रोजन की मांग के लिए चुनौतियों को भी रेखांकित किया। साथ ही लागत, भंडारण, परिवहन, वितरण, बुनियादी ढाँचा और नियामक ढाँचे, और उन्हें दूर करने के तरीके भी सुझाए।
प्राज इंडस्ट्री ने पूरे किये रिकॉर्ड एथेनॉल प्रोजेक्ट
प्राज इंडस्ट्रीज ने वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान भारत में 68 और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 15 परियोजनाओं को पूरा करके एक नई सफलता अर्जित की है। कंपनी के अनुसार हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि वित्त वर्ष 2023-24 में, प्राज इंडस्ट्रीज ने भारत में 68 और विदेशों में 15 परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा किया है। प्रत्येक परियोजना नवाचार और उत्कृष्टता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो ग्राहकों की संतुष्टि सुनिश्चित करती है। हम अपने ग्राहकों, व्यावसायिक भागीदारों और पूरी टीम प्राज को इस उपलब्धि और विकास में योगदान देने के लिए अभिनंदन करते हैं। वित्त वर्ष 2024-25 और उसके बाद भी उत्कृष्टता की यात्रा जारी रखने के लिए हम तत्पर हैं। प्राज इंडस्ट्रीज एथेनॉल उत्पादन के लिए प्रौद्योगिकी संचालित समाधानों में अग्रणी बनी हुई है, जो दुनिया भर में अपने संचालन में संधारणीय प्रथाओं और ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोणों पर जोर देती है। हाल ही में, 31 मार्च, 2024 को समाप्त तिमाही और पूरे वर्ष के लिए कंपनी के वित्तीय परिणामों के प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए, प्राज इंडस्ट्रीज के सीईओ और एमडी शिशिर जोशीपुरा ने कहा था, हमारे तिमाही और वार्षिक परिणाम हमारे पोर्टफोलियो के विभिन्न आयामों में व्यावसायिक विकास और विविध ग्राहकों के बढ़ते आधार के लिए मूल्य बनाने, वितरित करने और प्राप्त करने की हमारी क्षमता को दर्शाते हैं। प्राज निकट भविष्य में सीबीजी, एसएएफ और ईटीसीए के उभरते क्षेत्रों पर अतिरिक्त ध्यान देने के साथ अपने व्यवसाय को बदलने की राह पर हैं।