एथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2024-25 (नवंबर-अक्टूबर) में पेट्रोल के साथ मिश्रित किए जाने वाले एथेनॉल के प्रतिशत को घटाकर 18 प्रतिशत किया जा सकता है। पहले यह 20 प्रतिशत था। बताया जाता है कि सरकार ने ये फैसला इसलिए लिया है, क्योंकि भारत स्टेज-6 को छोड़कर अधिकांश पेट्रोल से चलने वाले वाहन ई-20 ईंधन पर चलने के अनुकूल नहीं हैं। एथेनॉल मिश्रण पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम के तहत, सरकार ने एथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2024-25 और 2025-26 में पेट्रोल, ई-20 ईंधन के साथ 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रित करने का अनुमान लगाया है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऑटो उद्योग ने पुराने पेट्रोल वाहनों में ई-20 का उपयोग न करने के बारे में चिंता जताई है क्योंकि इससे उनके ईंधन पाइप को नुकसान हो सकता है। साथ ही, पुराने वाहनों की माइलेज पर भी असर पड़ता है। केवल
भारत स्टेज-6 (बीएस-6) मानदंडों के अनुकूल वाहन ही ई-20 ईंधन पर कुशलतापूर्वक चल सकते हैं। वाहन डैशबोर्ड के अनुसार, 10 दिसंबर, 2024
तक भारत में पेट्रोल पर चलने वाले लगभग 31.18 करोड़ वाहन हैं। इसमें से लगभग 9.21 करोड़ बीएस-6 मानदंडों के अनुरूप हैं।
बिक्री के मामले में दुनिया के तीसरे सबसे बड़े ऑटोमोबाइल बाजार में लगभग 28.25 करोड़ दोपहिया वाहन पेट्रोल पर चल रहे हैं। इसके अलावा, लगभग 44,48 लाख हल्के यात्री वाहन और 6.67 लाख
हल्के मोटर वाहन हैं। एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने कहा 20 प्रतिशत लक्ष्य को घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया जाएगा क्योंकि सभी वाहन ई-20 पर नहीं चल सकते हैं। हमने ऑटो उद्योग के साथ-साथ अन्य हितधारकों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की। हम इन मुद्दों से निपटने के तरीके पर काम कर रहे हैं। ऑटोमोबाइल उद्योग के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, “हम ई-20 के लिए तैयार हैं और 1 अप्रैल, 2025 से उत्पादित सभी वाहन ई-20 के अनुरूप होंगे। अप्रैल 2023 से उत्पादित बीएस-6 वाहन पहले से ही अनुपालन कर रहे हैं। हालांकि, पुराने वाहनों के साथ कुछ समस्याएं हैं। मौजूदा वाहनों के लिए यह समस्या कुछ समय से चल रही है। उद्योग की मांग है कि पुराने वाहनों के लिए ई-10 या उत्पादन ग्रेड ईंधन का उपयोग जारी रखा जाए, क्योंकि ई-20 उनके ईंधन पाइप को नुकसान पहुंचा सकता है।”